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रमजान : बाजार में छाईं खजूर की नायाब किस्में

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लखनऊ। मुकद्दस माह रमजान में सहरी व इफ्तार का बड़ा महत्व है। रमजान की आमद के साथ ही बाजारों में चहल-पहल खासी बढ़ गई है। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में इन दिनों बाजार देर रात तक खुल रहते हैं। वहीं सहरी और इफ्तारी के लिए बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने आ रहे हैं। रमजान में सजे दस्तरख्वान पर अपनी खास जगह रखने वाले खजूर की कई किस्में मॉल से लेकर बाजारों तक में सजी हुई हैं।

मियां जीशान खां चालीस साल से रमजान के दिनों में खजूर की बिक्री करते आए हैं। उनका कहना है कि वैसे तो बाजार में खजूर की कई किस्में उपलब्ध हैं, मगर सबसे ज्यादा मांग कीमिया व ईरानी खजूर की हो रही है। कीमिया खजूर जहां 80 रुपये किलो के भाव मिल रहा है, वहीं कीमिया खजूर 120 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।

खजूर की बिक्री कर रहे मोहम्मद उम्मेद खान बताते हैं कि खजूर की सैकड़ों किस्म होती हैं। रमजान पर बाजार में करीब सोलह किस्म के खजूर उपलब्ध हैं। इनमें शबानी, खुबानी, शुमरी, कश, तईबा, मगरूम, सगई, अजूबा, हयात आदि की खासी मांग हो रही है। हयात खजूर जहां ढाई सौ रुपये किलो के रेट में मिल रहा है, वहीं अजूबा तीन हजार रुपये किलो की दर पर बिक रहा है।

इस समय रमजान की तैयारियों पर फूड बाजार भी खजूर से सजे हुए हैं। विक्रेता दीपक सिंघल ने बताया कि रोजेदारों के लिए एक तरफ जहां बिना बीज का खजूर रखा गया है, वहीं ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ‘बाई वन गेट वन’ ऑफर भी चलाया जा रहा है।

खजूर विक्रेता जुनैद, हामिद व दिलदार बताते हैं कि रोजेदारों ने गर्मी व धूप से बचने के लिए कई दिन पहले से ही अपनी पसंद के खजूरों की खरीदारी शुरू कर दी थी। अब रमजान में रोजाना नया माल मंगाया जा रहा है।

रमजान में सहरी करना सुन्नत माना जाता है। ऐसे में खजला, सेवई, फेन, रस व खासे की मांग बढ़ गई है। बाजार भी इन उत्पादों से सजे हुए हैं। सेवई विक्रेता मेराजुद्दीन ने बताया कि रिफाइंड, वनस्पति घी व देसी घी से बनी हुई सेवई व लच्छों की जमकर खरीदारी हो रही है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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