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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में करीब 2 फीसदी तेजी

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में करीब दो फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.81 फीसदी या 495.67 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 27,811.84 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.90 फीसदी या 156.15 अंकों की तेजी के साथ 8,381.10 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे बजाज ऑटो (5.59 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (4.23 फीसदी), कोल इंडिया (4.19 फीसदी), एचडीएफसी (4.11 फीसदी) और भेल (3.83 फीसदी)।

सेंसेक्स के आठ शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे भारती एयरटेल (3.77 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (2.99 फीसदी), टाटा स्टील (2.21 फीसदी), ओएनजीसी (1.80 फीसदी) और विप्रो (0.76 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी डेढ़ फीसदी से अधिक तेजी रही। मिडकैप 1.90 फीसदी या 198.99 अंकों की तेजी के साथ 10,686.11 पर और स्मॉलकैप 1.66 फीसदी या 181.7 अंकों की तेजी के साथ 11,124.49 पर बंद हुआ।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार 25 जून को कहा कि मानसून का प्रसार देश के अधिकतर हिस्से में हो चुका है।

24 जून 2015 तक की स्थिति के मुताबिक मानसूनी बारिश इस सत्र में अब तक पूरे देश में समग्र तौर पर औसत से 24 फीसदी अधिक रही है। क्षेत्रवार मध्य भारत में यह 52 फीसदी अधिक, दक्षिण भारत में 32 फीसदी अधिक, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में चार फीसदी अधिक और पश्चिमोत्तर में पांच फीसदी कम रही है।

आईएमडी ने पश्चिमोत्तर, मध्य और दक्षिण भारत में अगले 15 दिनों में बारिश कम होने का अनुमान जाहिर किया है।

जून-सितंबर दक्षिण-पश्चिम मानसून देश की कृषि के लिए काफी महत्वपूर्ण होता होता है, क्योंकि देश की कृषि मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर है।

जल संसाधन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 25 जून की स्थिति के मुताबिक देश के प्रमुख 91 जलाशयों में कुल क्षमता का 27 फीसदी जल भरा हुआ है, जो गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 11 फीसदी अधिक है और गत 10 साल के औसत से 46 फीसदी अधिक है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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