प्रादेशिक
पौधारोपण कर हरियाली फैलाने में जुटे रोजेदार
कटिहार (बिहार)| खुदा की इबादत के महीने ‘माह-ए-रमजान’ को न सिर्फ रहमतों और बरकतों की बारिश का महीना माना जाता है बल्कि यह समूची मानव जाति को प्रेम, भाईचारे और इंसानियत का संदेश भी देता है। इस दौरान कटिहार के फलका क्षेत्र के रोजेदारों ने नेकी की एक नायाब पहल की है, जिसकी सराहना आस-पास के सभी लोग कर रहे हैं।
कटिहार जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर फलका बस्ती के मुस्लिम युवाओं ने इस पाक माह में जुमे की नमाज के बाद क्षेत्र में पौधारोपण का निर्णय लिया है। इसके लिए गुरुवार को रोजेदारों ने जनकल्याण के इस कार्य के लिए खुदा से विशेष दुआ भी की।
फलका बस्ती की हेलाल समिति के युवाओं ने शुक्रवार को जुमे के नमाज के बाद बस्ती में स्थित करीब 112 वर्ष पुरानी जामा मस्जिद के आसपास पौधारोपण किया।
समिति के अध्यक्ष शेख अब्दुल्लाह ने कहा, “आसपास के सड़कों के किनारे तथा सार्वजनिक स्थलों पर भी पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत केवल फलदार ही नहीं बल्कि छायादार पौधों को भी लगाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को विशेष ‘दावत-ए-इफ्तार’ का भी आयोजन किया गया है जिसमें लेगों को पौधारोपण के महत्व के विषय में जानकारी दी जाएगी तथा पौधारोपण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा।
समिति के सदस्य मोहम्मद कैसर रजा ने कहा, “इस वर्ष चक्रवाती तूफान ने पूरे मानव समाज को एक बड़ा सबक दिया है।” उनका मानना है कि धर्म की दीवारों से अलग अगर सभी संप्रदाय के लोग धार्मिक आयोजनों पर पौधारोपण को तवज्जो दें, तो हमारा पर्यावरण कभी असंतुलित नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि यह महीना इबादत का महीना होता है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपनी रूह को पवित्र करने के साथ अपनी तमाम हरकतों को भी पूरी तत्परता के साथ वश में रखने का होता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यह माह समाज कल्याण के काम करने का भी माह होता है। उन्होंने कहा कि समिति की यह पहल समाज के लोगों के लिए एक संदेश है।
इधर, मुस्लिम युवकों की इस पहल को न केवल मुस्लिम समाज बल्कि हिन्दू समाज के लोगों ने भी सराहा है। फलका निवासी राजेंद्र कुमार ने कहा कि मुस्लिमों की यह पहल स्वागतयोग्य है और समाज के हर तबके को इससे शिक्षा लेनी चाहिए।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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