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व्यापमं घोटाला : कुमार विश्वास सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास ने व्यापमं घोटाले को लेकर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल कर न्यायालय से इस मुद्दे पर तत्काल विचार करने का आग्रह किया। विश्वास ने न्यायालय के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मैंने सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल की है और व्यापमं घोटाले की तत्काल जांच का आग्रह किया है। मध्य प्रदेश सरकार का विशेष जांच दल (एसआईटी) हालांकि इस मामले की जांच कर रहा है और इस मामले में अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है।”

आप नेता ने कहा कि उनकी पार्टी खबरिया चैनल आज तक के पत्रकार अक्षय सिंह तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन की मौत पर संवेदना व्यक्त करती है, जो इस घोटाले की जांच कर रहे थे। विश्वास ने कहा, “हमने सर्वोच्च न्यायालय से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है।” उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर घोटाले से जुड़ी मौतें रुक सकती हैं। मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के नामांकन व भर्ती रैकेट में जाहिर तौर पर राजनीतिज्ञ, अधिकारी व कारोबारियों की संलिप्तता है। साल 2013 से लेकर अबतक घोटाले से जुड़े 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें या तो संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हैं, या उन्होंने खुदकुशी की है।

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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