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संगीतकार एमएस विश्वनाथन का निधन, पीएम ने दुख जताया

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चेन्नई/नई दिल्ली। दक्षिण भारतीय संगीतकार एम. एस. विश्वनाथन का मंगलवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 साल के थे। विश्वनाथन ने 750 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथन के निधन पर शोक जताया है। पीएम ने कहा कि एमएस विश्वनाथन का निधन संगीत प्रेमियों के लिए बड़ी क्षति है। कई पीढ़ियों के लोग उनकी रचनाओं का आनंद लेते रहे हैं। जब कभी संगीत की बात हुई है अपने समय के संगीतज्ञों में विश्वनाथन का नाम हमेशा आगे रहा। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेनाएं व्यक्त करता हूं।

तमिल सिनेमा जगत में विश्वनाथ के चाहने वाले प्यार से उन्हें एमएसवी के नाम से बुलाते थे। काफी उम्रदराज होने के कारण उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था और वह सांस की समस्या से भी पीड़ित थे। उनका फोर्टिस मलार अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया, “मंगलवार तड़के 4.30 बजे के लगभग उन्होंने आखिरी सांस ली।” विश्वनाथन के परिवार में चार बेटे और तीन बेटियां हैं। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा।

तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्म जगत के कई फिल्मों में संगीत देने वाले विश्वनाथन ने 1952 में तमिल फिल्म ‘पनम’ से संगीतकार के रूप में करियर शुरू किया था। इस फिल्म में अभिनेता शिवाजी गणेशन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। विश्वनाथ ने टी. के. रामामूर्ति के साथ मिलकर कुल 86 तमिल फिल्मों के लिए संगीत दिया था। यह संगीतकार जोड़ी लगभग 10 सालों तक तमिल सिनेमा में छाई रही थी। वर्ष 1965 में दोनों अलग हो गए थे। उनके लोकप्रिय और मशहूर गीतों में ‘पासमलार’, ‘सुमैथांगी’, ‘सेवेर सुंदरम’, ‘अयिराथिल ओरुवन’ और ‘एंगा वीतु पिल्लई’ फिल्मों के गाने शामिल हैं।

रामामूर्ति के साथ जोड़ी टूटने के बावजूद विश्वनाथन ने सफलता की नई ऊंचाइयों को छुआ था। ‘बामा विजयम’, ‘गलात्ता कल्याणम’, ‘देवमगन’, ‘मूंदरु दीवांगल’, ‘रिकशावकरन’, ‘भरथ विलास’ और ‘उलागम सुत्रुम वलिबन’ के गीतों की धुन उन्होंने अकेले बनाई थी। विश्वनाथन को कलमामणि सहित कई प्रतिष्ठित संगीत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।

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प्रादेशिक

गरबा किंग के नाम से मशहूर अशोक माली की नाचते-नाचते हार्ट अटैक से मौत, घटना कैमरे में कैद

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पुणे। पुणे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने कई लोगों को सदमे में डाल दिया है. गरबा के मशहूर कलाकार अशोक माली, जिन्हें गरबा किंग के नाम से जाना जाता था, की मौत गरबा खेलते वक्त हो गई. यह घटना पुणे के चाकन में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां अशोक माली अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़े और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस दर्दनाक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

अशोक माली, जो एक बच्चे के साथ मजे से गरबा खेल रहे थे, अचानक नाचते-नाचते जमीन पर गिर पड़े. वहां मौजूद लोग यह सोच भी नहीं पाए कि कुछ ही पलों में यह सब इतना भयावह हो जाएगा. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस हृदयविदारक घटना ने उनके परिवार और प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया है. अशोक माली मूल रूप से धुले जिले के शिंदखेड़ा तालुका के होल गांव के निवासी थे और वर्तमान में पुणे के चाकन में रह रहे थे.

अशोक माली का कोचिंग करियर और समाज में योगदान

पिछले पांच वर्षों से, अशोक माली एक कोच की भूमिका निभा रहे थे और कई युवाओं और बच्चों को गरबा और डांडिया सिखा रहे थे. उनकी कला ने उन्हें विभिन्न समाजों और मंडलों से निमंत्रण दिलाया. उन्होंने अहिरानी गानों पर भी बेहतरीन नृत्य प्रस्तुत किया और अपनी कला से समाज में एक खास पहचान बनाई.

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