बिजनेस
एक्सिस एमएफ ने लांच किया ओपन एंडेड इक्विटी फंड
27 जुलाई से शुरू एनएफओ 10 अगस्त को होगा बंद
लखनऊ। भारत की प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक एक्सिस म्यूचूअल फंडने आज अपने एक्सिस इक्विटी सेवर फंड की घोषणा की। यह एक ओपन एंडेड इक्विटी योजना हे जो बहु- वैकल्पिक निवेश के तरीके जैसे इक्विटी, हेज्ड इक्विटी, आर्बिट्राज के मौके तथा डेट को अपना कर पूंजी वृद्धि एवं आय वितरण के लाभ प्रदान करेगा।
दीर्घ अवधि के निवेश के सम्बंध में अनुसंधान से यह साबित हुआ है कि पोर्टफोलियों के निष्पादन के अधिकतम नतीजों के पीछे सुयोग्य एसेट अलोकेशन नीति रहीं है। एक्सिस इक्विटी सेवर फंड भी ऐसी ही एसेट अलोकेशन नीति पर निर्भर रहेगा। जिसके तहत विभिन्न बहु सांम्पत्तिक विकल्पो में निवेश को अपना कर निवेशको के लिए उचित वृद्धि परिणाम कम से कम जोखिम के संग साधे जा सकेंगे।
एक्सिस इक्विटी सेवर फंड विभिन्न निवेश विकल्प जैसे इक्विटी, आर्बिट्राज एवं डेट योजनाओं में सामूहिक तौर पर निवेश के तरीके अपनाएगा। इस प्रकार के मिलेजुले पोर्टफोलियो को विशुद्ध इक्विटी योजना के तुलना में जोखिम मात्रा न्यूनतम रहेगी, जिससे निवेशको को अल्पावधि में बाजार में उत्पन्न होने वाली अस्थिरता को नजरअंदाज कर लंबे समय के लिए तय लक्ष्यों को हासिल कर पाने का भरोसा मिलेगा। समूचे विश्व में इस प्रकार के बहु-साम्पत्तिक फंडो को दीर्घावधि के निवेश उद्देश्य रखनेवाले निवेशको द्वारा बेहद पसंद किया गया है।
इस फंड द्वारा अधिकतम 45 प्रतिशत इक्विटी में निवेश किया जाएगा और बाकी धन फिक्स्ड इन्कम जैसी आय जुटानेवाली योजना तथा आर्बिट्राज में विभाजित किया जाएगा, निवेशक के लिहाज से यह एसेट अलोकेशन कर कार्यक्षम भी बना है। प्रोडक्टक लांचिंग के मौके पर एक्सिस म्यूचूअल फंड के सीईओ चंद्रेश निगम ने कहा कि एक्सिस म्यूचुअल फंड हमेशा नई योजनाओं की पेशकश में अग्रणी रहा है, हमारी सभी योजनाओं में सर्वोत्तम जोखिम प्रबंधन पर ध्यान रखा जाए, ऐसा हमारा कार्य सिद्धांत है।
इसी उद्देश्य के तहत विगत काल में भी हमने अनेक बहु-साम्पत्तिक फंड जैसे, एक्सिस इन्कम सेवर, एक्सिस ट्रिपल एडवान्टेज फंड, एक्सिस हायब्रीड फंड और एक्सिस कैपिटल प्रोटेक्शन ओरिएन्टेड फंड्स प्रस्तुत किये है। उसी नजरिए को ध्यान में रखते हुए बने इस नए एक्सिस इक्विटी सेवर फंड को प्रस्तुत करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। यह फंड दीर्घावधि का उद्देश्य रख कर निवेश करनेवालो को कर कार्यक्षम रचना में सर्वश्रेष्ठ जोखिम संतुलित प्रतिफल प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि हमने यह देखा है कि विभिन्न बाजारों में, विभिन्न अवधि में एसेट अलोकेशन होने वाला पोर्टफोलियो जोखिम को कम रखते हुएए निवेशकों के लिए उचित प्रतिफल देने में कारगर रहे है, भारत के संदर्भ में जहाँ पर उच्चतम अस्थिरता के कारण इक्विटी से अनेक निवेशको ने मुँह फेर लिया है तथा एसेट अलोकेशन की नीति दीर्घावधि के लिए निवेश की सफलता की अनुभूति प्रदान करते निवेशकों को फिर से हासिल कर पाएगा और म्यूचूअल फंड के जरिए अपने उद्देश्यो के सफल बनते हुए वे देख पाएंगे।
यह योजना क्रिसिल एमआईपी ब्लेन्डेड फंड इंडेक्स को बेन्चमार्क रखते हुए कार्य करेगी। योजना में निवेश के दो विकल्प, डाइरेक्ट प्लैन तथा रेग्युलर प्लैन होगें। दोनों में ग्रोथ तथा डिविडंड किसी विकल्प का चुनाव करना होगा। इस फंड का प्रबंधन जिनेश गोपानी- इक्विटीद्ध और आर।शिवकुमार- डेट द्वारा किया जाएगा। दोनो फंड प्रबंधको क्रमशः इक्विटी तथा डेट मार्केट के सम्बंध मे भारी अनुभव है तथा फंड से अच्छे प्रदर्शन के लिए उम्दा निवेश नीति अपनाई जाने की उम्मीद की जा सकती है।
एक्सिस इक्विटी सेवर फंड के लिए दो हप्तों का प्रारंभिक निवेश काल, एनएफओ- सोमवार 27 जुलाई से शुरू होकर सोमवार 10 अगस्त 2015 को समाप्त होगा। उसके उपरान्त गुरुवार 20 अगस्त 2015 से यह योजना नियमित रूप सें निवेश की खुली होगी।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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