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बिजनेस

एचडीएफसी बैंक ने शुरू की शैक्षणिक फिल्म ‘धंचायत’

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एचडीएफसी बैंक, शैक्षणिक फिल्म ‘धंचायत’, असंगठित स्रोतों, पैसे उधार लेने के खतरों, बैंक की सीएसआर गतिविधि स्वच्छ बैंकिंग

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मुंबई। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड ने असंगठित स्रोतों से पैसे उधार लेने के खतरों के बारे में आगाह करने के लिए आज एक शैक्षणिक फिल्म ‘धंचायत’ को प्रस्तुत किया। इस फिल्म को ग्रामीण भारत के लिए बैंक की सीएसआर गतिविधि स्वच्छ बैंकिंग के तहत प्रस्तुत किया गया है। स्वच्छ बैंकिंग का उद्देश्य एक साफ-सुथरे और सहज बैंकिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाना है और इसके एक भाग के तहत एचडीएफसी बैंक ब्रांड की धंचायत वीडियो वैनें देश भर में पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, उत्तर और केंद्रीय भारत के तमाम हिस्सों में हजारों गाँवों तक जायेंगी।

इस फिल्म के जरिये इन वैनों में ग्रामीण आबादी के सामने यह प्रदर्शित किया जायेगा कि लेनदेन में पारदर्शिता और साथ ही उधार लेने की प्रक्रिया में व्यक्ति के आत्म-सम्मान और उसकी गरिमा का क्या महत्व है। ये वैनें लोगों के इकट्ठा होने वाले स्थानों, जैसे हाट, बाजार, मेलों और ग्राम पंचायतों में रुकेंगी। एचडीएफसी बैंक इसके पहले चरण में पांच हजार गाँवों को शामिल करेगा और वित्तीय समावेश के बारे में सरकार की दृष्टि के अनुरूप स्थानीय आबादी को संगठित बैंकिंग से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

इन वैनों में बायोमीट्रिक सुविधा के साथ माइक्रो-एटीएम भी होंगे, जो आधार का इस्तेमाल करते हुए तत्काल ई-केवाईसी और री-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। ऐसी पहली वैन को एचडीएफसी बैंक के एमडी आदित्य पुरी और डिप्टी एमडी परेश सुक्तांकर ने मुंबई में बैंक के मुख्यालय में हरी झंडी दिखायी।

इस शुभारंभ के अवसर पर एचडीएफसी बैंक के डिप्टी एमडी परेश सुक्तांकर ने कहा, “इस समय की आवश्यकता है वास्तविक वित्तीय समावेश, न कि केवल वित्तीय सुविधाएँ उपलब्ध करा देना। एचडीएफसी बैंक ने समावेशी विकास को बढ़ावा देने का एक व्यापक उद्देश्य बनाया है। हम मानते हैं कि इसे एक ऐसे माहौल में हासिल नहीं किया जा सकता, जिसमें गलत जानकारियों और संगठित वित्त से अपरिचित होने के कारण लोग वित्त के असंगठित स्रोतों की ओर धकेल दिये जाते हैं। हमारी स्वच्छ बैंकिंग की पहल के एक हिस्से धंचायत के तहत हम साफ-सुथरे और आसान बैंकिंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद करते हैं।”

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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