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प्रादेशिक

रायबरेली में ज़हरीला होता बचपन

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रायबरेली: जंहा एक ओर केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार क़ानून के तहत देश के प्रत्येक बच्चे को शिक्षित कर रही है और प्रदेश की सरकार सर्व शिक्षा अभियान में करोडो रुपये पानी की तरह बहा रही है। तो वंही दूसरी ओर इन योजनाओ के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभा रहे विभाग के आला अधिकारी कमीशन की मलाई खा रहे है। और शिक्षा के क्षेत्र में चल रही जनहित की योजनाओ पर पानी फेर रहे है।  कुछ ऐसे ही सच को उजागर करती यह कहानी जंहा सपेरे समुदाय के बच्चों ने अपने परिजनों के साथ मिलकर जिलाधिकारी से एक अदद स्कूल की मांग की है जिससे वह भी शिक्षित होकर अपने व परिवार का भविष्य बना सके न की मजबूरी में अपने माँ बाप की तरह लोंगो का मनोरंजन विषधरों के बीच करते रहे। मामला वी वी आई पी माने जाने वाले रायबरेली जिले के गड़रियन का पुरवा का है। जहां करीब 50 सपेरों का परिवार रहता है। जो कि सांपो को दिखाकर लोंगो का मनोरंजन करते है और अपने परिवार का पेट पालते है। इनका यह व्यवसाय पीढ़ियों से चलता आ रहा है। इनके बाद इनके बच्चे इस व्यवसाय को संभालेंगे जिसकी शुरुआत यह मासूम सपेरे कर भी चुके है। इनकी जीवन शैली के बदलाव के लिये  इन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है । लेकिन अब जब बच्चे जागरूक हो रहे है तो वह सांप दिखाने के साथ साथ समय निकाल कर एक दूसरे को आधा अधूरा ज्ञान भी बाँट रहे है। बड़े बच्चे जब पढ़कर आते हैं तो शाम को छोटे बच्चों की कक्षा लगाकर उन्हे पढ़ाते हैं।हालांकि जब इन मासूम सपेरों के परिजनों से उनके बच्चों के भविष्य के बारे में बात की गयी तो उन्होंने अपनी मजबूरी बयाँ करके हालातो का हवाला देते हुए बताया की हमारे घर के आसपास कोइ भी स्कूल नहीं है निजी स्कूलो में पढ़ाने लायक पैसा नहीं है हम क्या कर सकते है। पास ही काशीराम कालोनी में एक सरकारी स्कूल निर्माणाधीन है जो कई वर्षो से बन रहा है लेकिन अब तक नहीं बना। लिहाज़ा बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए इनके परिजनों ने जिले के आला अधिकारी के पास जाकर स्कूल की मांग की। मासूम बच्चों द्वारा अपनी शिक्षा के लिए स्कूल मांगने पर जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लिया तो शिक्षा विभाग की कमिया उजागर हो गयी।जिस पर जिलाधिकारी प्रेम नारायन ने विभाग को तकनीकी टीम बनाकर अतिशीघ्र स्कूल बनवाने के निर्देश दिए जिससे इन बच्चों का भविष्य बन सके। ज़ाहिर है की सरकार चाहे जितनी लोक कल्याणकारी योजनाओ की शुरुआत कर दे। लेकिन जब तक उन योजनाओ को क्रियान्वित करने वाले विभागों की दशा नहीं सुधारी जायेगी तब तक ऐसे ही  देश के भविष्य कहे जाने वाले मासूमो की जिंदगी जहरीली होती रहेगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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