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जातिवाद, सांप्रदायिकता के लिए देश में कोई स्थान नहीं : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 69वें स्वतंत्रता दिवस पर शनिवार को लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जातिवाद और सांप्रदायिकता के लिए कोई स्थान नहीं है और विकास के माध्यम से इन सामाजिक कुरीतियों को मिटाना होगा। मोदी ने अपने भाषण में कहा, “जातिवाद हो या सांप्रदायिकता, इनके लिए देश में कोई स्थान नहीं है। इन्हें किसी भी रूप में बर्दाश्त या स्वीकार नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “जातिवाद और सांप्रदायिकता को ‘विकास के अमृत’ से खत्म करना होगा।” मोदी ने कहा कि एकता, भाईचारा और सादगी देश की संपत्ति हैं और इन्हें धूमिल करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि एकता टूटती है, तो सपने भी टूटेंगे। इसलिए जातिवाद और सांप्रदायिकता के जहर को फैलने नहीं देना है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने ठीक एक साल पहले इसी अवसर पर लाल किले की प्राचीर से गरीबों के बैंक खाते खोलने की घोषणा की थी और एक साल के भीतर 17 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए, जिसमें 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जमा हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि हालांकि जन धन योजना के तहत शून्य रकम पर खाते खोलने का प्रावधान है, ताकि बैंकिंग व्यवस्था से वंचित लोगों को भी इस प्रणाली से जोड़ा जा सके। फिर भी लोगों ने इसमें 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की है।

उन्होंने कहा, “गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद थे। मैंने कहा कि इसे बदलना होगा। हम वित्तीय समावेशन को मजबूत करना चाहते थे। गरीबों को वित्तीय प्रणाली में शामिल करने के लिए उनके बैंक खाते खोलना आवश्यक है और यही हमने किया।” उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने के लिए बैंककर्मियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा, “17 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोलना एक मुश्किल काम है। मैं बैंककर्मियों को इसके लिए बधाई देता हूं।” मोदी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं रहना चाहता और जो गरीबी में जीवनयापन को मजबूर हैं, वे भी बेहतर जीवन चाहते हैं। इसलिए हमारे सभी कार्यक्रम गरीबों के लिए होने चाहिए।

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नेशनल

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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