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प्रादेशिक

छत्तीसगढ़ : ..और गर्ल्स होस्टल खाली

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रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी स्थित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास की सभी छात्राएं होस्टल छोड़कर घर पहुंच गई हैं। बताया जाता है कि छात्रावास में ढंग का खाने नहीं मिलने की वजह से परेशान छात्राओं ने यह कदम उठाया है। मस्तूरी स्थित यह छात्रावास 40 सीटर है। जहां दूरस्थ अंचलों की कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक की छात्राएं रहकर अध्ययन करती हैं। बीते रविवार सुबह अचानक सभी छात्राओं ने बिना किसी को बताए छात्रावास छोड़ दिया। इसके चलते ट्राइबल विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था। वहीं छात्राओं के सकुशल उनके घर पहुंच जाने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। जानकारी मिलते ही एसडीएम ने अधीक्षिका को हटा दिया है।

बताया जाता है कि छात्राओं का खराब भोजन को लेकर अधीक्षिका नयन तिवारी से कई दिनों से विवाद चल रहा था। वहीं दो दिन पहले ही अधीक्षिका ने मोबाइल की चोरी को लेकर छात्राओं पर आरोप भी मढ़ दिया था, लेकिन सामान की जांच में आरोप गलत पाया गया। इस बात से भी छात्राएं आक्रोशित थीं। वहीं, शनिवार रात भी छात्राओं का अधीक्षिका से जमकर विवाद हुआ था।

इधर, चार छात्राओं के खिलाफ अधीक्षिका रिपोर्ट लिखाने रविवार को थाने भी पहुंच गईं और शनिवार को भोजन को लेकर छात्राओं से विवाद की जानकारी दी। शिकायत की जांच करने पुलिस जब छात्रावास पहुंची तो छात्राओं के होस्टल छोड़ देने की जानकारी मिली।

वहीं छात्रावास के कर्मचारियों ने भी भोजन को लेकर विवाद की जानकारी दी। छात्रावास से छात्राओं के गायब होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने अधीक्षिका से पूछताछ की। बाद में अधीक्षिका ने अपनी शिकायत भी वापस ले ली।

छात्राओं के एक साथ होस्टल छोड़ देने की घटना को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने अधीक्षिका को तत्काल प्रभार से हटा दिया है। वहीं अग्रवाल का कहना है कि मामले में प्रथम दृष्टया अधीक्षिका की गलती ही सामने आई है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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