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प्रादेशिक

इफको की आंवला इकाई ने कराया 500 से ज्यादा ग्रामीणों का सुरक्षा बीमा

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आंवला (बरेली)। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) की आंवला इकाई की आफीसर्स एसोसिएशन ने किसानों के लिए बैंकिंग सुविधा और बीमा सुरक्षा पहुंचाने के लिये ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के अंर्तगत 500 से ज्यादा ग्रामीणों का सुरक्षा बीमा कराया। इसका लाभ किसान और संयत्र में कार्य करने वाले श्रमिक और सुरक्षाकर्मियों के आश्रितों को मिलेगा।

इकाई प्रमुख वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार माहेश्वरी ने इंडियन ओवरसीज बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक प्रदीप गांगुली को ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना‘ की पहली वार्षिक किस्त का चेक सौंपा। इफको के प्रबंधक निदेशक डा0 उदय शंकर अवस्थी से प्रेरणा लेकर आफीसर्स एसोसिएशन ने बड़े स्तर पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी के विजन ‘मेक इन इंडिया‘को सफल बनाने की दिशा में कार्य शुरु किया है।

ग्रामीणों की मदद का भरोसा दिलाते हुए आँवला इकाई के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार माहेश्वरी ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी सहकारी संस्था, इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड, इफको सदैव किसानों की संस्था है। किसानों की मूलभूत आवश्कताएं पूरी हो सके, इसके लिए इफको आफीसर्स एसोसिएशन की पहल से 350 से ज्यादा इफको कर्मियों ने बीते दिनों ही घरेलू गैस पर मिलने वाली सब्सिडी सरकार को वापस कर दी है। इस अवसर पर इफको आँवला इकाई के महाप्रंबधक कार्मिक एंव प्रशासन आर के श्रीवास्तव, इफको आफीसर्स एसोसिएशन के महामंत्री रामसिंह, अध्यक्ष हरीश रावत एंव कोषाध्यक्ष नीरज कपूर और जनसम्पर्क अधिकारी विनीत शुक्ला मौजूद रहे।

क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का वार्षिेक प्रीमियम मात्र 12 रूपए है। यह योजना 18 वर्ष से लेकर 70 साल के लोगों के लिए है। यदि इस योजना के अंतर्गत बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाती है, या फिर हादसे में दोनों आंखें या दोनो हाथ या दोनों पैर खराब हो जाते हैं, तो उसे 2 लाख रूपए मिलेंगें। इस योजना के लिए सरकार द्वारा प्रति वर्ष निर्णय लिए जायेंगे साथ ही बीमा राशि पब्लिक वेलफेयर फण्ड द्वारा दी जाएगी।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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