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खेल-कूद

चैम्पियंस ट्रॉफी (हॉकी) : क्या कहते हैं आंकड़े

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नई दिल्ली| चैम्पियंस ट्रॉफी-2014 हॉकी प्रतियोगिता का आगाज शनिवार को ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में हो रहा है। 1978 में पाकिस्तान हॉकी महासंघ की पहल पर पहली बार शुरू किए गए इस प्रतिष्ठित आयोजन में सबसे अधिक 13 बार आस्ट्रेलियाई टीम चैम्पियन रही है। आस्ट्रेलिया इस साल लगातार छठी बार यह खिताब जीतना चाहेगा। ‘ग्रीन शर्ट्स’ नाम से मशहूर पाकिस्तानी टीम ने 1978 में आयोजित टूर्नामेंट के पहले संस्करण का खिताब जीता था। इसके बाद उसने अगले संस्करण में भी खिताबी जीत हासिल की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने 1994 में तीसरी बार यह टूर्नामेंट जीता था। 2012 में यह टीम तीसरे स्थान पर रही थी और एक बार फिर यह खिताब तक पहुंचने का प्रयास करेगी।

आस्ट्रेलिया इस टूर्नामेंट का बेताज बादशाह है। उसने सबसे अधिक 13 बार यह खिताब जीता है। बीते पांच संस्करणों से उसे कोई चुनौती नहीं दे सका है। दूसरे क्रम पर जर्मनी है, जिसने नौ बार यह खिताब हासिल किया है। नीदरलैंड्स की टीम आठ बार चैम्पियन रही है।

अब तक इस टूर्नामेंट में कुल 15 टीमों ने हिस्सा लिया है, जिनमें से पांच एक बार भी खिताब तक नहीं पहुंच सकी हैं। इनमें भारत भी शामिल है। भारत के अलावा इंग्लैंड, कोरिया और अर्जेटीना इस सूची में शामिल हैं। इस टूर्नामेंट का आयोजन दो साल में एक बार होता है।

इस साल बेल्जियम की टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा ले रही है। इस टीम ने 2012 में सिर्फ एक बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और पांचवें स्थान पर रही थी। उसने प्लेऑफ में जर्मनी को हराया था। जर्मन टीम 2009 के बाद यह खिताब नहीं जीत सकी है।

दूसरी ओर, नीदरलैंड्स टीम हाल के दिनों में आस्ट्रेलिया के हाथों कई बार फाइनल में हारी है। 2012 में इस टीम ने आस्ट्रेलिया को फाइनल में अतिरिक्त समय तक खींचा था लेकिन अंतिम समय में किए गए गोल से वह हार गई थी।

इंग्लैंड या ग्रेट ब्रिटेन की टीम ने इस टूर्नामेंट के बीते आठ संस्करणों में हिस्सा लिया है लेकिन वह आस्ट्रेलिया को एक बार भी नहीं हरा सकी है। उसे 2010 के फाइनल में आस्ट्रेलिया से 1-2 से हार मिली थी। आस्ट्रेलिया के खिलाफ उसे छह मौकों पर हार मिली है।

नीदरलैंड्स के दिग्गज खिलाड़ी ताएके ताएकेमा के नाम इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक 48 गोल करने का रिकार्ड है। इसी देश के तेउन दे नुएजेर उनसे तीन गोल पीछे हैं। पाकिस्तान के सोहेल अब्बास के नाम 41 गोल हैं।

चैम्पियंस ट्रॉफी के तहत अब तक 100 से अधिक मैच खेले जा चुके हैं लेकिन आठ मैच गोलरहित बराबरी पर छूटे हैं। इस टूर्नामेंट में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड आस्ट्रेलिया के नाम है, जिसने 2009 में स्पेन को 10-3 से हराया था। इससे पहले यह टीम फ्रांस को 1992 में 9-1 से और न्यूजीलैंड को 2010 में 9-1 से हरा चुकी है।

जीत-हार का सबसे अच्छा रिकार्ड आस्ट्रेलिया का है। उसने अपने 58 फीसदी मैच जीते हैं। दूसरे स्थान पर नीदरलैंड्स है, जिसने अपने 56 फीसदी मैचों में जीत हासिल की है। इसके बाद जर्मनी का स्थान है, जिसने 50 फीसदी से अधिक मैच जीते हैं। भारतीय टीम 34 फीसदी मैच ही जीत सकी है।

ऑफ़बीट

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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