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प्रादेशिक

कश्मीर में सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमला, 16 मरे 

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श्रीनगर| जम्मू एवं कश्मीर के बारामूला जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर हमला कर दिया। हमले के बाद आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित सात सैनिक तथा तीन पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस दौरान सभी छह आतंकवादी भी मारे गए। आतंकवादियों ने सीमांत उरी कस्बे के निकट मोहरा स्थित सेना के एक शिविर पर तड़के हमला किया। शहीद होने वालों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल तथा एक जूनियर कमीशंड अधिकारी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में पांच चरणों के तहत विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अगले चरण के मतदान के चार दिन पूर्व यह हमला हुआ है। मतदान नौ दिसंबर को होना है।

हथियारबंद आतंकवादियों का समूह तड़के तीन बजे शिविर के निकट पहुंचा। लेकिन सैन्य शिविर के मुख्य द्वार पर उन्हें सेना के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।

ड्यूटी पर तैनात जवानों ने गोलीबारी की आवाज सुनकर उन्हें ललकारा। सभी आतंकवादी स्वचालित हथियारों तथा हथगोलों से लैस थे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमले के दौरान एक लेफ्टिनेंट कर्नल तथा एक कनिष्ठ अधिकारी सहित सात जवान शहीद हो गए।

सैन्य शिविर में आतंकवादियों के घुसने को लेकर अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रवेश किया था, लेकिन उन्हें प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जबकि एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मुठभेड़ मुख्य द्वार पर ही हुई है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि मुठभेड़ अब समाप्त हो चुकी है।

पुलिस अधिकारी ने कहा, “जानकारी मिलने के बाद त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) घटनास्थल पर पहुंचा ही था कि आतंकवादियों ने मुख्य सड़क पर ही क्यूआरटी के एक वाहन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें एक अधिकारी तथा दो सैनिक शहीद हो गए।”

उन्होंने कहा कि सैनिकों ने आतंकवादियों को शिविर के बाहर ही मार गिराया।

इससे पहले, हमले के दौरान तीन सैनिकों तथा दो पुलिसकर्मियों सहित आठ लोगों के मारे जाने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में मृतकों की संख्या बढ़ गई।

मारे गए सभी छह आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन

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लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।

इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन

यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।

ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।

किया गया है दायित्वों का निर्धारण

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।

इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित

फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।

हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण

एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।

बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।

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