Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

ग्वाटेमाला में भूस्खलन, 29 की मौत

Published

on

Loading

ग्वाटेमाला सिटी। ग्वाटेमाला में भूस्खलन से 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि 600 अन्य लापता हो गए। भूस्खलन की घटना में लगभग 125 घर तबाह हो गए।

ग्वाटेमाला के राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण समन्वय (सीओएनआरईडी) के कमांडर सर्जियो काबानस के मुताबिक, “इस हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई है, जिसकी पुष्टि हो गई है। एक अन्य व्यक्ति के मरने की सूचना है, लेकिन अभी उसकी पुष्टि नहीं हुई है।”

सीओएनआरईडी ने इससे पहले शुक्रवार को कहा था कि नष्ट हो चुके घरों के अनुमान के आधार पर लापता लोगों की संख्या 600 तक पहुंच सकती है।

ग्वाटेमाला के समाचार पत्र ‘प्रेन्सा लिबरे’ के मुताबिक, ग्वाटेमाला सिटी से 15 किलोमीटर दक्षिण में स्थित सांता कैटेरिना पिनुला के पड़ोसी गांव अल कैंबरे-2 में गुरुवार रात भारी बारिश के बाद भूस्खलन हो गया था।

हजारों की संख्या में बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। कीचड़ और मलबे से 36 लोगों को बाहर निकालकर उन्हें अस्पताल भेज दिया गया है।

 

उत्तर प्रदेश

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ढहा, किसी तरह की जनहानि नहीं

Published

on

Loading

उन्नाव। उन्नाव-कानपूर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना ब्रिटिश शासनकाल का ऐतिहासिक पुल मंगलवार को ढह गया। गनीमत रही कि पुल तीन साल पहले ही जर्जर स्थिति के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला यह पुल कभी लोगों की लाइफ लाइन था और हजारों लोग इसी पुल के जरिए हर रोज आवागमन करते थे।2021 में पुल जर्जर होने के कारण इस पर चलने वाले आवागमन बंद कर दिया गया था। यह पुल को ब्रिटिश काल में 1874 में अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया गया था। रेजीडेंट इंजीनियर एसबी न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में 800 मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था। पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। इसके बाद पुल की संरचना में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।

पुल की संरचना में बड़ी दरारें आने के बाद 5 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि में इसे बंद कर दिया गया। दरारें खासतौर पर पुल की कानपुर तरफ की कोठियों 2, 10, 17 और 22 नंबर की कोठियों में आई थीं। पुल को फिर से चालू करने के लिए इंजीनियरों ने जांच की थी और इस पर आवागमन को चालू रखने लायक नहीं बताया था। पुल पर आवागमन बंद करने के लिए उन्नाव और कानपुर की तरफ पुल पर दीवार खड़ी कर दी गई थी।

Continue Reading

Trending