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खिड़की एक्सटेंशन मामले में भारती पर कार्रवाई की मंजूरी मिली : पुलिस

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को यहां की एक अदालत को बताया कि पिछले साल खिड़की एक्सटेंशन इलाके में आधी रात केसमय दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती द्वारा अफ्रीकी महिलाओं के कथित उत्पीड़न के मामले में भारती के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। पूर्व कानून मंत्री ने पिछले साल खिड़की एक्सटेंशन में कथित वेश्यावृत्ति और ड्रग रैकेट की शिकायतें मिलने पर आधी रात को छापेमारी की थी।

दिल्ली पुलिस द्वारा पूरक आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद एक दंडाधिकारी की अदालत ने भारती के खिलाफ इस मामले की सुनवाई की तारीख 30 अक्टूबर तय कर दी। घरेलू हिंसा के एक अन्य मामले में जमानत नामंजूर किए जाने और सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्समर्पण के बाद गिरफ्तार किए गए भारती इस समय पुलिस की हिरासत में हैं।

दिल्ली पुलिस ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि संबंधित प्राधिकरण ने खिड़की एक्सटेंशन छापेमारी मामले में भारती पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब गंज द्वारा भारती के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलाने को मंजूरी देने के फैसले को दिल्ली सरकार ने 24 सितंबर को स्वीकृति दे दी है।

भारती और अन्य दोषियों के खिलाफ पिछले साल 29 सितंबर को भारतीय दंड संहिता की 16 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 100 पृष्ठों के आरोपपत्र में पुलिस ने अभियोजन पक्ष के लगभग 41 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें नौ अफ्रीकी महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने अदालत के निर्देश पर 19 जनवरी, 2014 को अज्ञात दोषियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी और उनके खिलाफ गलत तरीके से बंधक बनाने, आपराधिक धमकी और महिलाओं की अस्मत लूटने के इरादे से कार्रवाई करने के आरोप दर्ज किए थे।

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ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

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लखनऊ। आज यूनियन “ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन” की प्रेस कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड, लखनऊ स्थित एक होटल में आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु यूनियन द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रेस वार्ता हुई। यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पाण्डे ने पत्रकारों से बताया कि हम लगातार कई वर्षों से श्रमिकों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी का परिणाम ये है कि वित्त विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पुराने श्रमिकों के कार्य करने के कार्य दिवस के अनुसार उनको अवशेष वेतन का भुगतान का आश्वासन दिया गया जिसकी आगे की कार्यवाही दिनाँक 18 अक्टूबर से प्रारंभ की जाएगी साथ ही उप-श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा 9 अक्टूबर तक यूनियन से तक़रीबन 7 जिलों के 19 डिपो के श्रमिकों की सूची की मांग की गई है ताकि उस सूची पर आगे की कार्यवाही की जा सके।

राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पांडेया ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम उन गरीब श्रमिकों को उनका हक जिसमें न्यूनतम वेतन के अलावा हर वो सुविधा दिलाने की कोशिश कर रही है जो एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक होती है आज उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के श्रमिक भूखमरी के कगार पर हैं, उनका प्रति बोरी के हिसाब से 1.5 रुपये 2 रुपये दिया जाता है कोई बीमा नहीं है, कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है, वो बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा तक नहीं सकते, उत्तर प्रदेश भंडारण निगम में ठेकेदार लाल हैं और श्रमिक बेहाल। बस यूँ कहिए की वो किसी तरह जी रहे हैं। उन्होंने कहा ये लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक श्रमिकों को उनका हक ना मिल जाए।

इस अवसर पर यूनियन के उत्तर प्रदेश कमेटी के मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की गई, कमेटी में अध्यक्षा नीशू शुक्ला गिल, उपाध्यक्ष रोहिल कुमार, महामंत्री प्रवीण कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री राम रहीश, कार्यालय मंत्री विजय कुमार, प्रचार मंत्री राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष विवेक शर्मा, इन सभी को पदभार दिया गया।

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