Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दाऊद खान 68 वर्षो से कर रहे रामकथा वाचन

Published

on

Loading

रायपुर| राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता 93 वर्षीय रामायणी व पूर्व शिक्षक दाऊद खान विगत करीब 68 वर्षो से छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न शहरों में रामकथा वाचन का कार्य कर रहे हैं। दाऊद छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के निवासी हैं। उन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बीते सोमवार को विशेष रूप से आमंत्रित कर सम्मानित किया। उन्होंने खान को शॉल, श्रीफल और बस्तर के आदिवासी हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित बेलमेटल की कलाकृति ‘नंदी’ भेंटकर अपनी शुभकामनाएं दी। रामायणी दाऊद खान विगत 68 वर्षो से छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न शहरों में रामकथा वाचन का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपना पहला प्रवचन वर्ष 1947 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दिया था।

आपको बताते चले कि रामकथा वाचन की प्रेरणा उन्हें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार डा. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी और सालिक राम द्विवेदी से मिली। उनके सान्निध्य में रहकर खान ने रामायण, कुरान, गुरुग्रंथ साहिब, बाइबिल और गीता सहित कई धर्मग्रंथों का गहन अध्ययन किया। दाऊद खान को तत्कालीन राष्ट्रपति वराह गिरि वेंकट गिरि ने वर्ष 1970 में सम्मानित किया था। उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा समय-समय पर पुरस्कृत और सम्मानित किया गया है। वहीं राज्य सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा पिछले महीने महंत घासीदास संग्रहालय परिसर में ‘राम : सांस्कृतिक सौहार्द के प्रतीक’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दाऊद खान गोस्वामी तुलसी दास के लोकप्रिय महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ पर आधारित अपने प्रवचनों के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्रेरक जीवनगाथा को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। खान का सम्पूर्ण जीवन सामाजिक समरसता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने खान के स्वस्थ, सुदीर्घ और यशस्वी जीवन की कामना की है।

 

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending