नेशनल
कला को राजनीति से दूर रखा जाए’
मुंबई| शिवसेना की धमकी के बाद यहां पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का संगीत कार्यक्रम रद्द किए जाने की अभिनेत्री शबाना आजमी, डिजाइनर वेंडल रोड्रिक्स, गायक कैलाश खेर, फिल्मकार महेश भट्ट व अन्य हस्तियों ने निंदा की है। वहीं, पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष ने आशा जताई है कि भारत सरकार इस मामले में ‘जिम्मेदारी’ से काम लेगी। उक्त हस्तियों ने मुंबई व पुणे में गुलाम अली का संगीत कार्यक्रम रद्द किए जाने की पुरजोर निंदा करते हुए कहा है कि संगीत की कोई सरहद नहीं होती।
शबाना ने ट्विटर पर अफसोस जताते हुए लिखा क्या हम पाकिस्तान के साथ युद्ध कर रहे हैं, क्या हमने कूटनीतिक रिश्ते तोड़ दिए हैं, क्या हमने हमारे दूतावासों को ताला मार दिया है, तो गुलाम अली पर प्रतिबंध लगाने का क्या औचित्य है| महेश भट्ट ने कहना है की यह एक परिचित भयावह अनुभव है जो हमारे देश के इस हिस्से में अक्सर देखने को मिलता है। फैशन डिजाइनर वेंडल रोड्रिक्स ने कहा कि संगीत कार्यक्रमों को सरकार से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने भारतीयों की ओर से माफी भी मांगी।
लोकप्रिय संगीतकार जोड़ी विशाल-शेखर के विशाल ददलानी ने कार्यक्रम रद्द होने अफसोस जताते हुए ट्विटर पर लिखा, गुलाम अली साहब और उनका संगीत राजनीति से परे व ऊपर है। अगर वह प्रस्तुति नहीं दे सके तो यह उनका नहीं हमारा नुकसान होगा। उनके जोड़ीदार शेखर रवजियानी ने कहा कि गुलाब अली साब हमारे मेहमान हैं| संगीत किसी सरहद को नहीं मानता।
वहीँ कैलाश खेर ने कहा कि संगीत, कला और खेलों को राजनीति से परे रखना चाहिए। पाकिस्तान में प्रस्तुति दे चुके भारतीय संगीत किसी सरहद को नहीं मानता। गुलाम अली भारत में उतने ही लोकप्रिय हैं, जितनी लता मंगेशकर पाकिस्तान में हैं। उधर, पाकिस्तान के सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर्स (सीबीएफसी) के अध्यक्ष फख्र-ए-आलम ने यह बहुत दुखद और निराशाजनक है कि 21वीं सदी में कला, संगीत और खेलों को असहिष्णुता, नफरत और श्रेष्ठ होने का दिखावा करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। मैं आशा करता हूं कि भारत सरकार जिम्मेदारी से काम लेगी।
उत्तर प्रदेश
संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट
संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.
कैसे भड़की हिंसा?
24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.
दावा क्या है?
हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.
किस आधार पर हो रहा है दावा?
दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.
किस आधार पर हो रहा है विरोध?
अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
संभल का धार्मिक महत्व
शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.
इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.
धार्मिक विश्लेषण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.
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