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नेशनल

मप्र : नवरात्र पर देवी मंदिरों में उमड़ी भीड़

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भोपाल| नवरात्र की मंगलवार से शुरुआत हो गई है। इस मौके पर मध्य प्रदेश के विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ है। जगह-जगह देवी प्रतिमाओं की स्थापना का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल रामनरेश यादव ने प्रदेशवासियों को नवरात्र पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी है। नवरात्र के पहले दिन मंगलवार सुबह से ही राजधानी भोपाल सहित अन्य स्थानों पर हर तरफ देवी गीत और जयकारों की गूंज सुनाई देने लगी। देवी मंदिरों में श्रद्घालुओं ने विशेष पूजा-अर्चना कर अनुष्ठान की शुरुआत की।

दतिया की पीताम्बरा पीठ पर सुबह से ही श्रद्घालुओं का मेला-सा लग गया और पूरा परिसर जयकारों से गूंजता रहा। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे श्रद्घालुओं ने बगुलामुखी और धूमावती माई के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। इसी तरह मैहर की शारदा देवी मंदिर में श्रद्घालुओं ने नारियल-चुनरी चढ़ाकर मनोकामना पूरी करने की कामना की। रेलवे प्रशासन ने यहां पहुंच रहे श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए कई गाड़ियों का नवरात्र के दौरान अस्थाई ठहराव घोषित किया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदि शक्ति की आराधना के महापर्व नवरात्रि शुरू होने पर श्रद्घालुओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा नवरात्रि का आध्यात्मिक पर्व तन-मन को शुद्घ करने का पर्व है। आदि शक्ति का आह्वान कल्याणकारी होता है। उन्होंने प्रदेश के विकास और नागरिकों की सुख-समृद्घि की प्रार्थना की है। इसी तरह राज्यपाल राम नरेश यादव ने नवरात्रि पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। राज्यपाल यादव ने अपने संदेश में कहा है कि नवरात्रि का त्योहार असत्य बुराई और आसुरी शक्तियों से संघर्ष करने की शक्ति प्राप्त करने का पर्व है। यह पर्व मां दुर्गा के रूप में नारी के विभिन्न रूपों के दर्शन से नारी सशक्तिकरण की प्रेरणा देता है।

राज्यपाल यादव ने नौ दिन चलने वाले इस पर्व को शांति, एकता, पारम्परिक सद्भाव और सौहार्द्र के वातावरण में मनाने की अपील की है राज्य के ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने नवरात्रि के पावन-पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि का पावन पर्व भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने और असत्य पर सत्य की विजय की शिक्षा देता है।

 

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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