खेल-कूद
जहीर ने कहा अलविदा, साथियों ने दीं शुभकामनाएं
मुम्बई। तेज गेंदबाज जहीर खान ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारत के लिए खेलने वाले सबसे सफल बाएं हाथ के सीमर जहीर ने गुरुवार को इस सम्बंध में आधिकारिक घोषणा की। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने सन 2000 में भारत के लिए पहला मैच खेलने वाले इस 37 साल के खिलाड़ी के संन्यास की पुष्टि की। बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर ने जहीर को देश की सेवा करने के लिए धन्यवाद दिया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की।
भारत के लिए 14 साल के करियर में 92 टेस्ट मैच खेलते हुए 311 टेस्ट विकेट लेने वाले जहीर हालांकि एक और सत्र तक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलना जारी रखेंगे। जहीर ने अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। जहीर ने भारत के लिए सभी फारमेट में 610 विकेट लिए हैं और वह इस मामले में भारत के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं। वह टेस्ट मैचों में भारत के लिए दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं।
चोट के कारण जहीर लम्बे समय से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल सके हैं। तीन साल पहले जहीर ने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच खेला था। जहीर ने अपने बयान में कहा, “मैं तत्काल प्रभाव से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ रहा हूं। साथ ही मैं आईपीए-9 के साथ ही घरेलू क्रिकेट भी छोड़ दूंगा। मेरा शरीर अब खेल के लायक नहीं रहा। मैं जानता हूं कि मेरे लिए संन्यास लेने का यह सही वक्त है।”
जहीर ने भारत के लिए 200 एकदिवसीयों में 282 विकेट लिए हैं। वह 17 टी-20 मैचों में भी देश के लिए खेले हैं। 2011 विश्व कप में जहीर भारत के सबसे सफल गेंदबाज थे। जहीर ने 18.76 के औसत से कुल 21 विकेट हासिल किए थे। वह पाकिस्तान के के शाहिद अफरीदी के साथ टूर्नामेंट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे।
भारत के महान महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर सहित तमाम पूर्व तथा मौजूदा क्रिकेट खिलाड़ियों ने जहीर को याद किया और उन्हें जिंदगी की नई पारी के लिए शुभकामनाएं दीं। सचिन ने जहीर को ऐसा गेंदबाज करार दिया, जो अपनी चतुराई भरी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को ‘बेबस’ कर देते थे। सचिन ने ट्विटर पर जहीर के लिए एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने जहीर को सबसे शांत चित्त तेज गेंदबाजों में से एक करार दिया।
सचिन ने अपने पोस्ट में लिखा, “वह सबसे शांत चित्त तेज गेंदबाजों में से एक हैं। वह कई मौकों पर बल्लेबाजों को बेबस कर देते थे। वह हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहते थे। मुझे यकीन है कि वह अपनी जिंदगी की नई पारी बेहतरीन तरीके से शुरू करेंगे। मैं जहीर को संन्यास के बाद के जीवन के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
सचिन से पहले बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर और सचिव अनुराग ठाकुर ने जहीर की उपलब्धियों को याद किया और उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दीं। बीसीसीआई ने एक ट्वीट जारी किया, जिसमें लिखा है, “क्रिकेट मैदान पर आपकी तमाम चतुराई के लिए धन्यवाद जहीर खान।”
भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने ट्वीट कर जहीर को याद किया। धौनी ने अपने ट्वीट में लिखा, “जहीर आपका करियर शानदार रहा है। आपकी पहचान सबसे चतुर तेज गेंदबाज के तौर पर है। आपके लिए जीवन अभी शुरू ही हुआ है। मुझे उम्मीद है कि आप भारतीय क्रिकेट में योगदान देना जारी रखेंगे।”
टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने लिखा कि जहीर जितने अच्छे गेंदबाज रहे हैं, उससे कहीं अच्छे इंसान रहे हैं। कोहली के मुताबिक जहीर ने उनके जैसे कई खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। कोहली के अलावा पूर्व कप्तान अनिल कुम्बले, वीवीएस लक्ष्मण, सुरेश रैना और अजीत अगरकर ने भी जहीर को याद किया और उन्हें एक बेहतरीन गेंदबाज और उम्दा इंसान करार दिया।
खेल-कूद
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति
पटना। बिहार के वैभव सूर्यवंशी ने महज 13 साल की उम्र में इतिहास रच दिया है। वैभव को आईपीएल मेगा नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ने 1.1 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। 13 साल 243 दिन की उम्र में वैभव आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स उन्हें अपने साथ जोड़ने में दिलचस्पी दिखाई। राजस्थान ने 1.1 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा।
वैभव ने हाल ही में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा जब वह अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज (13 वर्ष, 288 दिन) बने। उन्होंने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ भारत अंडर-19 के लिए खेले गए यूथ टेस्ट में 62 गेंदों पर 104 रन बनाए। बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने 58 गेंदों पर शतक बनाया। यह किसी भारतीय का सबसे तेज यूथ टेस्ट शतक और दुनिया में दूसरा सबसे तेज शतक था।
वैभव एक बेहतरीन खिलाड़ी है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 आईपीएल में वह जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। वैभव की बात करें तो वह बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं। महज 13 साल के बेटे के करोड़पति बनने के बाद उनके पिता भावुक नजर आ रहे हैं।
एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कहा कि अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया। अपनी खेती तक की जमीन बेच दी ताकि वैभव क्रिकेट खेल सके और अपना करियर बना सके। वैभव के बारे में बात करते हुए पिता ने बताया कि उसे हमेशा से क्रिकेट में रूचि थी और वह महज 5 साल का था, तब से क्रिकेट खेल रहा है। वैभव को उनके पिता ने ही घर में नेट प्रैक्टिस करवाई, जिसके बागद समस्तीपुर क्रिकेट एकेडमी भेजा। उनके पिता ने बेटे की कामयाबी के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी का भी शुक्रिया किया।
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