प्रादेशिक
मप्र : तापमान में मामूल बढ़त
भोपाल| मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित राज्य के कई हिस्सों में बुधवार सुबह धुंध छाई रही और वातावरण सर्द रहा, लेकिन बाद में अच्छी धूप निकली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले 24 घंटों में मौसम शुष्क रहेगा और दो तीन दिनों बाद ठंड का जोर बढ़ सकता है।
राज्य में इन दिनों सुबह और शाम और रात के समय ठंड का असर दिख रहा है, लेकिन धूप निकलने के कारण दिन गर्म होता है।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रही आर्द्र हवाओं के कारण राज्य के तापमान में मामूली बढ़त दर्ज की गई है।
राज्य में बुधवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 12़ 4 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का न्यूनतम तापमान 13़ 4 डिग्री, ग्वालियर का 9़ 5 डिग्री तथा जबलपुर का न्यूनतम तापमान 11़ 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं, मंगलवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 28़ 8 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 30़ 4 डिग्री, ग्वालियर का 28़ 6 डिग्री तथा जबलपुर का अधिकतम तापमान 28़ 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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