Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

मोदी असहिष्णु नहीं, सबका विकास चाहते हैं : मुफ्ती

Published

on

Loading

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असहिष्णु नहीं हैं। वह देश में सबका समग्र विकास चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात टट्ट मैदान में ग्रीन पार्क की आधारशिला रखने के मौके पर कही। यह मैदान 1947 से सेना के पास था। राज्य की कई सरकारें यह मांग करती रही थीं कि सेना इसे खाली कर दे।

सईद ने बताया कि राज्य सरकार से एक महीने पहले बनी सहमति के बाद सेना ने मंगलवार को टट्ट मैदान का 139 एकड़ का हिस्सा राज्य सरकार को सौंप दिया। शिलान्यास समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सईद ने कहा, “मोदी असहिष्णु नहीं हैं। वह इतने बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने हमसे (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) हाथ मिलाया, जबकि लोकसभा में हमारे महज तीन सांसद हैं। इस फैसले के पीछे उनकी दूरदृष्टि रही होगी।”

मोदी सात नवंबर को कश्मीर दौरे पर आ रहे हैं। इस संदर्भ में सईद ने कहा, “लोगों को उनकी यात्रा से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि हमेशा से ही उनका नारा विकास का रहा है। वह जम्मू एवं कश्मीर के सामने मौजूद मसलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” सईद से पूछा गया कि क्या मोदी राज्य के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करेंगे? जवाब में सईद ने कहा, “पैकेज की घोषणा करना या न करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।”

भारत-पाकिस्तान संबंधों पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से अच्छा संबंध भारत और हम सभी के लिए बेहतर साबित होगा, क्योंकि शत्रुता से अभी तक तो कुछ हासिल नहीं हुआ है। सईद ने कहा, “अगर भारत को एक विश्व शक्ति बनना है तो फिर इसके लिए इन सभी बातों पर ध्यान दिया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद हम हमेशा के लिए दोस्त बनना चाहते हैं।”

उत्तर प्रदेश

वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां

Published

on

Loading

वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।

बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।

दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।

स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

Continue Reading

Trending