प्रादेशिक
यमुना के लिए संत, कार्यकर्ता दिल्ली तक मार्च निकालेंगे
मथुरा/आगरा। प्रदूषित यमुना को बचाने और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए आध्यात्मिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली तक मार्च करने का फैसला किया है। इस इलाके में यमुना जिन क्षेत्रों से बहती है उनके हितधारकों के साथ मुलाकातों और परस्पर संवादों के बाद इस फैसले की घोषणा की गई।
कार्यकर्ता चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार यमुना को प्रदूषण मुक्त करने और वर्षभर पानी के निर्बाध बहाव को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपाय करे। दिल्ली तक इसी प्रकार का मार्च नवम्बर में भी आयोजित किया गया था। बरसाना के एक सम्मानित संत रमेश बाबू ने कहा कि वक्त की मांग है कि केंद्र सरकार कुछ ठोस कदम उठाए और उन फैसलों को लागू करे जिनकी वह पहले ही घोषणा कर चुकी है।
कुछ संतों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर यमुना को बचाने के अपने वादे से पीछे हटने का भी आरोप लगाया। ‘बृज बचाओ समिति’ के रहीस कुरैशी ने कहा, “इतनी रैलियों और मार्च के बाद भी केंद्र सरकार ने हमारी मांग अब तक नहीं सुनी और यमुना अब भी वर्ष के अधिकांश समय सूखी और प्रदूषित रहती है।”
कार्यकर्ता खासतौर पर भाजपा सांसद हेमा मालिनी से नाराज हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि मई 2014 आम चुनावों से पहले वादों के बावजूद हेमा ने यमुना के लिए कुछ नहीं किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि भूमि विकास करने वालों द्वारा यमुना के बाढ़ क्षेत्रों का भी अतिक्रमण किया जा रहा था और हरियाणा के फरीदाबाद से उत्तर प्रदेश के मथुरा तक नालों के जरिये औद्योगिक अपशिष्ट बहाया जा रहा है।
नदी कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोगों को यमुना से जोड़ने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दैनिक यमुना आरती शुरू करने की पहल की मथुरा, वृंदावन और आगरा में व्यापक रूप से सराहना की गई। आगरा के नदी जोड़ो अभियान के देवाशीष भट्टाचार्य ने कहा, “यह यमुना के लिए जन समर्थन जुटाने में जरूर मदद करेगा, जैसा कि हमने आगरा में देखा है, जहां एक अप्रैल से यमुना आरती हो रही है।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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