प्रादेशिक
किशोर की हत्या कर शव के किए दो टुकड़े
-शव को पेट्रोल डालकर जलाया भी गया था
-सिर बेनीगंज क्षेत्र मे धड़ मिश्रिख क्षेत्र मे मिला
मनोज तिवारी
हरदोई। हरदोई सीतापुर मार्ग पर बुधवार की सुबह एक करीब सोलह वर्षीय किशोर का शव हरदोई व सीतापुर जिले की सीमाओं मे दो टुकड़ों मे पड़ा पाया गया। किशोर की हत्या किए जाने के बाद उसके शव को पेट्रोल डालकर जलाया भी गया था। मामले की जानकारी मिलते ही दोनों जिलों के पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। काफी प्रयास के बावजूद शव की शिनाख्त नहीं हो पायी है। बताया जाता है की कहीं से लाकर शव यहाँ डाला गया है।
प्राप्त समाचार के अनुसार कोतवाली बेनीगंज क्षेत्र के हरदोई सीतापुर मार्ग पर भदहा गाँव के निकट बुधवार की सुबह में जब ग्रामीण शौच के लिए तो एक किशोर के सिर को पड़ा देखा। यह देखकर ग्रामीण सकते में आ गये। बात धीरे धीरे आगे बढ़ी तो वहां ग्रामीणों की भीड़ शव को देखने उमड़ पड़ी। ग्रामीणों ने मृत किशोर की पहचान करने का प्रयास किया लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पायी। मामले की जानकारी पुलिस को लगी तो कोतवाल श्यामबहादुर सिंह भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
इसी बीच पता चला की कुछ दूरी पर सीतापुर सीमा मे थाना क्षेत्र मिश्रिख के अजीजपुर ठाकुर नगर के पास एक धड़ भी पड़ा है। जानकारी सीतापुर पुलिस को दी गयी। इधर जानकारी पाकर अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी नित्यानन्द राय व क्षेत्राधिकारी हरियाण्वा जितेंद्र गिरि भी पहुँच गए। जानकारी मिलते ही मिश्रिख सीओ कपिल देव प्रभारी निरीक्षक केके मिश्रा व नैमिष चौकी प्रभारी हरगोविंद पांडे भी मौके पर पहुंचे।
किशोर के शव के पास एक बोतल भी पायी गयी है। बताया जाता है की किशोर की हत्या किए जाने के बाद उसके शरीर के दो टुकड़े भी किए गए और शरीर को जलाया भी गया है। अज्ञात किशोर के शव की पहचान नहीं की जा सकी है। घटना से आसपास के गांवों मे सनसनी फैली है। मृतक को देख कर प्रतीत होता है कि हत्या के पहले उसे काफी यातनाएं दी गयी होंगी। यह भी प्रतीत होता है कि दूसरे जगह घटना को अंजाम देकर शव को यहां लाकर फेंक दिया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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