मुख्य समाचार
उप्र के कर्मियों का वेतन छह माह बाद बढ़ेगा
लखनऊ। सातवें वेतन आयोग ने केंद्र सरकार से कर्मचारियों का वेतन 16 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है। इस पर अमल करने की तैयारी अखिलेश सरकार ने भी शुरू कर दी है, लेकिन उत्तर प्रदेश के सरकार कर्मियों को इसका लाभ छह महीने बाद मिल सकेगा। वेतन आयोग की सिफारिशों पर गौर करने के लिए उप्र सरकार की ओर से विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। केंद्र की ओर से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के संबंध में भी यहां से सुझाव भेजे जा चुके हैं। उप्र सरकार ने इसके मद्देनजर केंद्र से आर्थिक मदद भी मांगी है। माना जा रहा है कि केंद्र के साथ उप्र के कर्मचारियों के वेतन में भी करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इससे उप्र के 17 लाख से ज्यादा राज्य कर्मियों और पेंशनधारकों को फायदा मिलेगा। इससे उप्र सरकार पर पांच हजार करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
सरकार ने वित्त विभाग को अगले वर्ष के बजट के लिए अभी से इंतजाम करने को कहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार जनवरी, 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करेगी। निजी सचिव संघ के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उप्र के कर्मचारियों को उम्मीद है कि 2017 के विधानसभा चुनाव करीब हैं, इसलिए सरकार अगले वर्ष दिसंबर में आचार संहिता लगने से पहले इसे सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का प्रयास करेगी। प्रदेश सरकार कितनी भी जल्दी करेगी, तब भी कर्मचारियों को कम से कम छह माह इंतजार करना पड़ेगा। वजह यह है कि पहले राज्य में आयोग का गठन करना पड़ेगा। यह आयोग केंद्र द्वारा लागू की जाने वाली सिफारिशों का अध्ययन करेगा। इसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा, सरकार उस पर विचार करेगी। इन सबमें छह माह लग ही जाएंगे।
अधिकारी बताते हैं कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुई थीं। इसके बाद उप्र सरकार पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आया था। छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ, उस समय महंगाई दर 86 प्रतिशत थी जो आज बढ़कर 113 प्रतिशत हो गई है। आयोग देश के विकास की गति को देखते हुए ही वेतन का निर्धारण करता है। पांचवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्धि न्यूनतम 40 प्रतिशत थी। सरकार हर दसवें साल पर वेतन आयोग का गठन कर कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का निर्धारण करती है। सरकार का मानना है कि प्रदेश का जो विकास होता है उस विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए। पांचवां वेतन आयोग एक जनवरी 1996 को तथा छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006 को लागू हुआ था। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी, 2016 से लागू होगा।
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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