Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

एचडीएफसी बैंक ने लॉन्च किया सोनिक ब्रांडिंग

Published

on

एचडीएफसी बैंक, लॉन्च किया सोनिक ब्रांडिंग, एटीएमए फोन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशन और वेबसाइट,

Loading

मुंबई। एसडीएफसी बैंक ने आज एटीएमए फोन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप्लिकेशन और वेबसाइट जैसे विभिन्न माध्यमों पर उपयोग के लिए अपना सोनिक ब्राडिंग (म्यूज़िकल लोगो) पेश किया। इसका मकसद संगीत के उपयोग से एक अलग तरह की ब्रांड पहचान बनाना है, जहाँ म्यूजिकल लोगो या मोगो विभिन्न प्लेटफॉर्म से जुड़े उपभोक्ताओं के साथ सशक्त भावनात्मक जुड़ाव में मददगार होता है। विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मोगो का सृजन किया गया है। एक तो ग्राहकों की नजर में एचडीएफसी बैंक जिस दर्जे का ब्रांड है उसके बुनियादी मूल्यों का, और दूसरे, मौजूदा दौर में कारोबार के बदलते स्वरूप का ध्यान रखा गया है। आज भारत में एचडीएफसी बैंक एक प्रमुख डिजिटल बैंक के रूप में जाना जाता है जिसने तकरीबन दो दशकों से अधिक के विश्वास और जिम्मेदारी की मजबूत बुनियाद के आधार पर यह मुकाम हासिल किया है।

डिजिटल पहलू बैंक की सामयिक और युवा गुणवत्ता को दर्शाता हैए जो लक्षित ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को निरंतर उनके अनुसार ढाल रहा है। म्यूजिकल लोगो ब्रांड की संगीतमय कल्पना पेश करता है, जो मौजूदा दौर के क्रमिक विकास और उनके अनुसार बदलाव के अनुरूप है, जबकि परिचालन उत्कृष्टता, ग्राहकों पर ध्यान, उत्पाद में अग्रणी, लोग और दीर्घकालिकता जैसे ब्रांड के बुनियादी मूल्य यथावत हैं जो वक्त की कसौटी पर खरे उतरे हैं। एचडीएफसी बैंक में कार्यकारी उपाध्यक्ष और विपणन प्रमुख कार्तिक जैन कहते हैं, ‘हमारी मंशा ग्रामीण भारत में किसानों से लेकर शहरी निवासियों और सरकारी कमर्चारियों से लेकर निजी क्षेत्र में काम करने वाले जैसे अंशभागियों के बीच विभिन्न मंचों पर संगीतमय ब्रांडिंग के जरिये भावनात्मक सक्रियता बढ़ाने की है।’ वे आगे कहते हैं, ‘इससे भी परे हम अपने भीतर ऊर्जा, आशावाद और उस गतिशीलता का संदेश देना चाहते हैं जो हमारे नये ब्रांड तत्व ‘एवरीडे  इवोल्यूशन’ में संपूर्णता के साथ प्रदर्शित होता है।’

मोगोस्केप राग बिलावल और राग शुद्ध कल्याण से प्रेरित है। जहाँ राग बिलावल एचडीएफसी बैंक के नवोन्मेष और गतिशीलता को दर्शाता हैए वहीं राग शुद्ध कल्याण बैंक के मानवीय और आपकी परवाह करने वाले स्वरूप को प्रस्तुत करता है। मोगोस्केप में पियानो और गिटार जैसे सामयिक पश्चिमी वाद्य यंत्रों की सितार के साथ बेहतरीन जुगलबंदी की गयी है, जिससे यह वैश्विक आकाक्षांओं और भारतीय जड़ों का अद्भुत मिश्रण बन जाता है। सोनिक ब्रांडिंग को शामिल करना राष्ट्रव्यापी ब्रांड अभियान का अहम हिस्सा है, जिसे ‘हर जरूरत पूरी हो चुटकी में, बैंक आपकी मुठ्ठी में’ के साथ इस साल 9 अक्टूबर को पेश किया गया था। प्रिंट, रेडियो, आउटडोर मीडिया ऑटोमेटड टेलर मशीन (एटीएम) और बैंक शाखाओं तक फैला यह अभियान भारत के प्रमुख डिजिटल बैंक के तौर पर बैंक की स्थिति को और मज़बूत करेगा।

तीन महीने लंबा यह अभियान बैंक के प्रमुख उत्पादों और पेशकशों पर रोशनी डालता है, जिसमें इंस्टैंट एकाउंट, वन क्लिक पेमेंट, 10.सेकेंड्स लोन, क्विक इन्वेस्टमेंट्स जैसे उत्पाद और पेशकशें शामिल हैं, जिसमें ग्राहकों को बैंक की शाखाओं में जाने और कागजी कार्यवाही जैसी कवायदों की जरूरत नहीं है और वे अपने मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल से डिजिटल तरीके से इन सुविधाओं का उपयोग कर समय की बचत कर सकते हैं। अभियान का सार यही है कि डिजिटल बैंकिंग ग्राहकों के लिए बेहद सुविधाजनक होती जा रही है, जितनी पहले कभी नहीं थी।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending