Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

राष्ट्रपति ने तमिलनाडु में भारी बारिश से लोगों की मौत पर संवेदना जताई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण हुई तबाही और लोगों की मौत पर गुरुवार को संवेदना जताई। तमिलनाडु के राज्यपाल के. रोसैया को भेजे संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण लोगों की मौत और बुनियादी ढांचों के क्षतिग्रस्त होने के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है।”

मुखर्जी ने राज्य सरकार तथा अन्य सभी प्रशासनिक इकाइयों से शोक संतप्त और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा है।

राष्ट्रपति ने कहा, “मैं राज्य सरकार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सामाजिक संगठनों तथा बचाव कर्मियों की सराहना करता हूं, जो लोगों की जान बचाने और प्रभावितों की मुश्किलें कम करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।”

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

Published

on

By

Loading

नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

Continue Reading

Trending