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नेशनल

राज्यसभा में धर्मातरण पर फिर हंगामा

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नई दिल्ली| राज्यसभा में मंगलवार को भी धर्मातरण के मुद्दे को लेकर हंगामा जारी रहा, जिसके कारण भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही बाधित रही। सदन की कार्यवाही मंगलवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने खड़े होकर विरोध शुरू कर दिया। धर्मातरण के मुद्दे पर हंगामे के कारण सोमवार को भी उच्च सदन की कार्यवाही बाधित रही थी। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने उपसभापति पी. जे. कुरियन को बताया कि उनके पास उस परिपत्र की प्रति है, जिसमें कुछ स्कूलों को क्रिसमस के दिन खुला रखने का आदेश जारी किया गया है।

सदन पटल पर दस्तावेज रखे जाने के तुरंत बाद ही विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव ने कहा, “इसी तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और आप हमसे इस पर सिर्फ चर्चा करने के लिए कह रहे हैं।” केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “जो लोग चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते, सदन से जा सकते हैं।”

नकवी ने विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए कहा, “आप जनादेश का अपमान कर रहे हैं।” कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य सभापति की आसंदी के सामने जा पहुंचे और शोरगुल के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थागित कर दी गई। सदन की बैठक दोबारा शुरू होने के बाद भी हालात पूर्ववत रहे। सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, “जिस तरह की टिप्पणियां सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद कर रहे हैं, उन्हें हम स्वीकार नहीं कर सकते।”

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाते हुए उसकी निंदा की। उपसभापति कुरियन ने बार-बार सभी सदस्यों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “संसद चर्चा के लिए है, शोर मचाने के लिए नहीं।” विपक्षी सदस्यों ने हालांकि सभापति की आसंदी के समक्ष नारेबाजी जारी रखी और उपसभापति कुरियन को सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

भोजनावकाश के बाद सदन में सभापति एम. हामिद अंसारी ने जैसे ही प्रश्न काल की घोषणा की, विपक्षी सांसदों ने फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जबकि सभापति बार बार प्रश्न पूछने का मौका देने का आग्रह करते रहे। अग्रवाल ने कहा, “इसी सदन में प्रधानमंत्री ने अपने एक मंत्री की विवादास्पद टिप्पणी के बाद बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अपने सांसदों को उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है, लेकिन फिर भी सांसद ऐसे बयान दे रहे हैं, जो देश के अंदर विवादास्पद माहौल पैदा कर रहे हैं।” सभापति ने कुछ मिनटों बाद ही सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की बैठक फिर शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा, जिसके कारण पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्यवाही चल नहीं पाई।

हाल ही में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों का हिंदू समुदाय में धर्मातरण की घटना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद योगी आदित्यनाथ द्वारा सामूहिक धर्मातरण को समर्थन देने के बयान को लेकर विपक्ष सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आदित्यनाथ ने कहा था कि यदि कोई अपनी इच्छा से वापस हिंदू धर्म अपनाता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। विपक्ष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग कर रहा है कि वह सुनिश्चित करें कि इस तरह की घटनाएं न हों। सदन में विपक्ष के प्रदर्शन और हंगामे के कारण बीमा विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा और सदन की मंजूरी की कार्यवाही लंबित है।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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