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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, लोग एक दिन छोड़कर ही निकाल सकेंगे गाड़ी

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नई दिल्ली। प्रदूषण से निजात पाने के लिए दिल्ली में एक जनवरी, 2016 से एक दिन सम और अगले दिन विषम संख्या वाले वाहनों के परिचालन की एक नई व्यवस्था लागू करने का दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को निर्णय लिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि यह फैसला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया।

यह व्यवस्था सीएनजी से चलने वाली बसों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शा पर लागू नहीं होगी, लेकिन यह बाहर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों पर भी लागू होगी। चीन की राजधानी बीजिंग में भी 2013 में इस तरह की व्यवस्था लागू की गई थी। यह फैसला दिल्ली में पंजीकृत करीब 90 लाख वाहनों पर लागू होगा। शहर में हर रोज करीब डेढ़ हजार नए वाहन पंजीकृत होते हैं। इन वाहनों में कारों की संख्या करीब 27 लाख है।

राज्य सरकार ने बदरपुर के कोयला आधारित एनटीपीसी के बिजली घर को भी बंद करने का फैसला किया है। सरकार एक एप भी लांच करेगी, जिसके माध्यम से आम जनता, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की शिकायत दर्ज करा सकेगी।

एक दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर को एक गैस चैंबर की संज्ञा देते हुए केंद्र और राज्य सरकार से इस दिशा में अविलंब कदम उठाने के लिए कहा था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली के वायु की गुणवत्ता बहुत बुरी है। इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक 331 है। 301 से 400 के बीच के वायु गुणवत्ता सूचकांक का मतलब यह है कि इस हवा में यदि अधिक समय तक रहा जाए, तो श्वास संबंधी रोग पैदा हो सकता है। इससे पहले उठाए गए कदमों से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में विशेष सुधार नहीं हुआ है। अक्टूबर में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने शहर में प्रवेश करने वाले वाणिज्यिक वाहनों पर पर्यावरण कर की घोषणा की थी।

इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने सभी निजी रेडियो टैक्सी को एक मार्च, 2016 से पहले सीएनजी अपनाने का आदेश दिया था। गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस ने हाल ही में कहा था कि दिल्ली में घरों के अंदर की वायु में प्रदूषण का स्तर भारतीय मानक के मुताबिक खुली हवा के मुकाबले पांच गुना अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालांकि कहा है कि यह निर्धारित स्तर से 11 गुना अधिक है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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