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अंतरिक्ष में वीआर तकनीक से रोबोट को संचालित करेगा नासा

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न्यूयॉर्क| अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा रोबोट अंतरिक्ष यात्रियों को वर्चुअल रियलिटी (वीआर) तकनीक से प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिसके लिए रोबोट संचालक अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सोनी के वीडियो गेम ‘प्लेस्टेशन’ के वीआर हेडगियर का उपयोग कर रहे हैं। वेबसाइट ‘उबेरगिजमो डॉट कॉम’ के अनुसार, ‘माइटी मोरफेनॉट’ परियोजना के तहत पृथ्वी पर बैठे संचालकों को यह प्लेस्टेशन वीआर अंतरिक्षीय वातावरण के अनुसार निर्णय लेने में मदद करता है, जिसके अनुसार रोबोट खुद-ब-खुद प्रतिक्रिया स्वरूप अगला कार्य करते हैं।

हालांकि, इसमें एक अतंर यह होगा कि पृथ्वी पर बैठे संचालकों द्वारा प्लेस्टेशन वीआर के जरिए निर्देश देने के कुछ देर बाद रॉबोट प्रतिक्रिया दे पाएंगे।

नासा इस परियोजना पर काफी समय से काम कर रही है और इसी के तहत नासा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त बेहद कुशल इन मानव रोबोटों का निर्माण किया है, जो भविष्य में अंतरिक्ष में मानवों का स्थान ले लेंगे।

ये मानव रोबोट अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर खतरनाक कार्यो को करने में सक्षम होंगे।

गौरतलब है कि मौजूदा वीआर तकनीक को सैमसंग अपने वीडियो गेम वीआर हेडगियर के जरिए मुख्यधारा बाजार में उतार चुकी है। वहीं ऑक्युलस और सोनी जैसी कंपनियां भी अपने वीआर हेडगियर वीडियो गेम जल्द ही बाजार में उतारने वाली हैं।

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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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