साइंस
एलईडी बचाएगा ग्रीनहाउस फसलों का खर्च
न्यूयार्क| एलईडी का प्रकाश केवल बिजली के बिल को ही कम नहीं करता है बल्कि ग्रीनहाउसों में फसलों के उत्पादन में भी किसानों के खर्चे को कम कर सकता है। अध्ययन सुझाते हैं कि सूर्य के प्रकाश के साथ एलईडी का प्रकाश ग्रीनहाउस में तैयार होने वाली फसलों की गुणवत्ता को प्रभावित किए बगैर कम ऊर्जा में फसलों के उत्पादन में मददगार है। यह ग्रीनहाउस में फसलों के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली तेज रोशनी और अधिक बिजली खर्च करने वाली सोडियम बल्बों का संभव विकल्प हो सकता है। अमेरिका की इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधार्थी ने बताया, “एलईडी प्रकाश का इस्तेमाल उच्च गुणवत्ता वाली विभिन्न फसलों का फाइटो केमिकल और रूप-रंग प्रभावित करने के लिए फायदेमंद है।”
वैज्ञानिकों ने बताया कि एलईडी की रोशनी में हालांकि फसल को पूरी गुणवत्ता के साथ पककर तैयार होने में अधिक समय लगा। वैज्ञानिकों ने ग्रीनहाउसों में टमाटरों के उत्पादन में एलईडी के अनुपूरक प्रकाश से पड़ने वाले प्रभावों को जानने के लिए तीन अलग-अलग परीक्षण किए। पहले परीक्षण में टमाटर के पौधों को सूर्य विकिरण ( नियंत्रित) में रखा गया। दूसरे परीक्षण में सूर्य विकिरण के साथ (सप्लीमेंट) सोडियम लैंप की रोशनी में रखा गया। तीसरे परीक्षण में इन्हें प्राकृतिक सौर ऊर्जा के साथ (सप्लीमेंट) एलईडी प्रकाश में रखा गया। वैज्ञानिकों ने इन तीनों अवस्थाओं में पौधों की अम्लता, विद्युत चालकता समेत कई प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया।
शोधार्थी बताते हैं, “हमारी परिकल्पना के विपरीत एलईडी प्रकाश (सप्लीमेंट) में बढ़ने वाले टमाटर के गुणों में प्रत्यक्ष रूप से कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।” इस अध्ययन में संवेदी (सेंसर) पैनलों को भी शामिल किया गया। जो टमाटर का आकार, रंग, अम्लता, स्वाद, मिठास आदि की गणना कर उन्हें स्थान दे सकें। वैज्ञानिकों के अनुसार, अध्ययन से पता चला है कि दोनों प्रकार के अनुपूरक ( सप्लीमेंट) प्रकाश में टमाटर की गुणवत्ता में कोई प्रभाव नहीं पड़ा।” सोडियम प्रकाश उर्जा की अधिक खपत करता है इसलिए वैज्ञानिकों का मत है कि एलईडी से उर्जा की खपत काफी हद तक नियंत्रित हो सकती है। यह अध्ययन ‘हार्ट साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
Success Story
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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