प्रादेशिक
छग : पानी व अंधेरे में डूबा रहा गांव अब रोशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित बोड़ानाला एक ऐसा गांव है, जहां के घर में नाव है। आधुनिक युग में भी यहां के लोग एक गांव से दूसरे गांव का सफर नाव से ही करते हैं। यहां के ग्रामीणों की दिनचर्या और मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है। यही इनकी पहचान है। कोरबा शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर बांगो डूबान वाले गांव बोड़ानाला में कई दशकों तक अंधेरा था। साल भर यानी 365 दिन पानी में डूबे रहने वाले आसपास के इलाकों की तरह ही बोड़ानाला गांव भी सालों तक अंधेरे में डूबा रहा। किसी ने कभी सुध नहीं ली। कुछ साल पहले सौर उर्जा से गांव को कुछ घंटे के लिए रोशनी तो मिली, लेकिन यह पर्याप्त नहीं थी। गांव वालों को अपने गांव में बिजली के खंभों के साथ चौबीस घंटे की बिजली कनेक्टीविटी की दरकार थी।
प्राकृतिक सुंदरता और नैसर्गिक वातावरण से परिपूर्ण इस गांव की खूबसूरती जहां यहां आने वालों की भी आकर्षित करती है, वहीं इस खूबसूरत गांव के वाशिंदों को कई सालों तक इस बात का मलाल था कि उनके गांव में बिजली ही नहीं है, ऐसे में इस खूबसूरत गांव में रहने का भी क्या मतलब! ग्रामीणों की इस व्यथा को समझते हुए शासन ने बड़ा कदम उठाया और डूबान क्षेत्र वाले ग्राम बोड़ानाला में बिजली पहुचाने की सक्रियता दिखाई है। इधर गांव में बिजली पहुंचने के साथ ही ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी है और उन्हें बिजली के उजालों के साथ उम्मीद की एक नई किरण भी दिखाई देने लगी है। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोड़ानाला एक पुराना गांव है। बांगों डूबान से लगे होने की वजह से गांव में रहने वाले अधिकांश परिवार मछली पकड़कर बाजार में बेचने का काम करते हंै।
गांव के लोगों की मांग थी कि उनके गांव में बिजली जल्द से जल्द पहुंचाई जाए, जिससे वे भी आधुनिक संचार साधन टीवी, अन्य उपकरण का लाभ उठा सकें। साथ ही उनके बच्चों को चिमनी या ढिबरी में न पढ़ना पड़े। गांव में सौर ऊर्जा की व्यवस्था से रात में कुछ घंटे राहत तो मिली, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। गांव को चौबीस घंटे बिजली देने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा तैयारी शुरू की गई। आखिरकार यहां खंभे, ट्रांसफार्मर और घरों में बिजली का मीटर लगाया गया। गांव में विद्युत आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है। ग्रामीण कमलेश का कहना है कि सौर सिस्टम से रात 6 बजे से 10 बजे तक लाइट जलती है। अब गांव में बिजली पहुंच जाने से दिन में भी बिजली की सुविधा मिलने लगी है। गांव में बिजली पहुंचने से रात में चारों तरफ उजाला होगा। बच्चे रोशनी में पढ़ाई कर सकेंगे। ग्रामीण मेवाराम का कहना है कि सौर सिस्टम में टीवी और अन्य उपकरण चलाने में असुविधा थी। विद्युत से वे टीवी तथा अन्य विद्युत उपकरण का लाभ उठा सकते हैं।
यहां रहने वाली महिला फगनी बाई का कहना है कि उनके गांव में सभी अंधेरे के बीच रहते थे। जब उन्हें ग्राम पंचायत या जनपद मुख्यालय जाना होता है तो अभी भी नाव लेकर डूबान को पार कर जाना पड़ता है। अन्य गांव में बिजली पहुंच जाने से उन्हें भी लगता था कि जल्दी ही उनके भी गांव में बिजली पहुंचे। आज यहां बिजली पहुंच गई है। उनके घर में भी बिजली का मीटर लग गया है। फगनी बाई ने बताया कि आसपास जंगल और पानी का डूबान होने की वजह से अंधेरे में रहना एक बड़ी चुनौती और समस्या थी। उनके गांव के आसपास पानी है, लेकिन इसका उपयोग फसलों की सिंचाई में नहीं कर पाते थे। अब बिजली की मदद से पंप लगाकर पानी का उपयोग फसल के साथ सब्जी उगाने में भी कर सकते हैं। विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता पी.आर.राजवाड़े ने बताया कि ग्राम बोड़ानाला में 1.75 किलोमीटर तक 11 केव्ही और एलटी लाइन 1.66 किलोमीटर लगाई गई है। गांव में दो ट्रांसफार्मर 16 केबी एवं 25 केबी का लगाया गया है। यहां 36 बीपीएल परिवारों को भी कनेक्शन दी गई है।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।
जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।
नगर कोतवाली नंबर वन
एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।
रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण
1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324
नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।
क्या है आइजीआरएस
एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।
प्रत्येक माह होती है शासन स्तर पर समीक्षा
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।
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