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मणिपुर : भूकंप में मृतकों की संख्या 8 हुई

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इम्फाल| मणिपुर में सोमवार को आए 6.7 तीव्रता वाले भूकंप में अब तक मृतकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। भूकंप के कारण राज्य में सामान्य जनजीवन मंगलवार को भी प्रभावित है।

उपमुख्यमंत्री गईखनगम गंगमेई ने कहा, “इम्फाल के पूर्व और पश्चिम जिलों में तीन-तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि सेनापति जिले में दो की मौत हुई। सरकार भूकंप में मृत हुए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी।”

पूर्वोत्तर राज्यों में सभी शैक्षिक संस्थानों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है और कार्यालयों में भी दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है। अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान और दुकानें बंद हैं।

इम्फाल में मुख्य विपणन परिसर बंद होने के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी भी हो रही है।

इम्फाल के पूर्व और पश्चिम भाग को जोड़ने वाले मिनथोंग पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण वाहनों और पदयात्रियों को पुल पार करने से रोक दिया गया है।

मणिपुर के आंतरिक ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप से प्रभावित लोगों को चिकित्सा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें निकल चुकी हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमों के 35 सदस्य तमेंगलोंग जिले में काम कर रहे हैं। अबभी कोई शव न बरामद नहीं हुआ है। पहाड़ी जिले में करीब 100 घरों और दुकानों को नुकसान हुआ है।

मणिपुर के अन्य जिलों में कई विद्यालयों की इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

राज्य के तमेंगलोंग जिले में सोमवार तड़के 4.35 बजे आए 6.7 तीव्रता के भूकंप के झटके म्यांमार और भूटान के अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में भी महसूस किए गए।

इसबीच, इम्फाल में महिलाओं के विपणन परिसर को पहुंची क्षति से नाराज सैकड़ों महिला विक्रेताओं ने कथित तौर पर मणिपुर लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण यंत्री सुभाष चंद्रा की पिटाई कर दी।

महिला विक्रेताओं के पारंपरिक स्थल के स्थान पर एक आधुनिक विपणन परिसर के निर्माण की निगरानी के लिए सिंप्लेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने सुभाष की तैनाती की थी।

सोमवार को आए भूकंप के कारण विपणन परिसर की दीवारें, खंभें और अन्य हिस्से ढह गए, जिसके बाद सुभाष क्षति का आंकलन करने वहां पहुंचे थे।

महिला विक्रेताओं का कहना है कि यहां स्थानांतरित होने से पहले उन्होंने परिसर में पड़ी दरारों के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन राज्य सरकार ने उनकी शिकायतें अनसुनी कर दी।

इस बीच, ‘ऑल मणिपुर युनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन’, ‘इंटरनेशनल पीस एंड सोशल एडवांसमेंट’ सहित कई संगठनों ने विपणन परिसर के घटिया निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग की।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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