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हेल्थ

प्रदूषण का आंखों पर भी होता है असर

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नई दिल्ली| प्रदूषित पर्यावरण, बढ़ते वायु प्रदूषण और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों के बढ़ते प्रभाव की वजह से आंखों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। कॉर्निया, पलकों, सिलेरिया और यहां तक कि लेंस पर भी पर्यावरण का असर होता है। बढ़ते तापमान और पर्यावरण के चक्र में आते बदलाव के चलते क्षेत्र में हवा खुश्क हो रही है। इस वजह से आंखें में ज्यादा खुश्की आ रही है, जिसके चलते आंसू नहीं बनते या बहुत जल्दी सूख जाते हैं।

वायु प्रदूषण लंबे समय से सांस प्रणाली की समस्याओं का कारण बन रहा है। हाल ही में इसका असर आंखों पर भी नजर आने लगा है।

लकड़ी या कोयले जलते समय उसके संपर्क में आने से विकासशील देशों में ट्रोचमा की वजह से आंखों में जख्म हो जाते हैं। उम्रभर संक्रमण होने से पलकों के अंदर जख्म हो सकते हैं, जिससे पलकें अंदर की ओर मुड़ जाती हैं और कोर्निया से रगड़ खाने लगती हैं और क्षति पहुंचा देती हैं, जिससे नजर भी चली जाती है।

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि ओजोन की क्षति होने से अल्ट्रावायलेट किरणों का असर बढ़ रहा है, जिससे कोर्टिकल कैटेरेक्ट का खतरा बढ़ जाता है। सूर्य की खतरनाक किरणों के लगातार संपर्क में आने से आंखों के लेंस के प्रोटीन की व्यवस्था बिगड़ सकती है और लेन्ज एपिथीलियम को क्षति पहुंच सकता है, जिससे लेंस धुंधला हो जाता है।

वह कहते हैं कि हैट पहनने से यूवी का असर 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है। यूवी प्रोटेक्शन वाला साधारण धूप का चश्मा लगाने से 100 प्रतिशत तक सुरक्षा हो सकती है।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पूरे समाज को आंखों को होने वाले गंभीर नुकसान के बारे में जागरूक होना चाहिए। भारतीय लोगों में पहले ही विटामिन-डी की कमी है, इसलिए इन सावधानियों पर गौर करना बेहद जरूरी है।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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