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प्रादेशिक

डिंपल के क्षेत्र में अखिलेश की ड्रीम योजना को लगा ग्रहण!

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, अखिलेश की ड्रीम योजना को लगा ग्रहण, कामधेनु योजना, कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र

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विद्या शंकर राय  

लखनऊ| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसानों के फायदे के लिए कामधेनु योजना की शुरुआत की थी। अखिलेश खुद कई मौके पर इस योजना की प्रशंसा भी कर चुके हैं लेकिन हकीकत यह है कि राज्य सरकार की कामधेनु योजना का लाभ खुद मुख्यमंत्री की पत्नी व कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र के किसानों को भी नहीं मिल पा रहा है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों की माने तो इच्छुक किसानों को बैंकों का चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों की शिकायत है कि वह चाहते हैं कि इस योजना का लाभ उनको मिले और इसके लिए उनकी तरफ से कोशिशें भी हो रही हैं लेकिन मुख्यमंत्री की इस ड्रीम योजना माइक्रो कामधेनु विभाग की शिथिलता और बैंकों की उदासीनता के चलते कामयाब नहीं हो पा रही है। आजमगढ़ के एक लघु किसान शकील अहमद की शिकायत है कि 25 पशुओं वाली माइक्रो कामधेनु योजना के लिए वह कई महीनों से बैंक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन काम नहीं हो रहा है। बैंकों की उदासीनता के चलते वह इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।

शकील अहमद जैसी शिकायत बनारस के असलम बेग, बलिया के हरिकिशोर सिंह की भी है। इन लोगों की भी यही शिकायत है कि मुख्यमंत्री ने छोटे किसानों के लिये इस योजना की शुरुआत की थी लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया कि इस तरह की शिकायतें लगातार आ रही हैं। दरअसल, विभाग की मानें तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उप्र में 2500 माइक्रो कामधेनु स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। इस योजना का लाभ लेने के लिये प्रदेश भर से करीब 7000 लघु किसानों ने आवेदन किया लेकिन केवल 68 किसानों के यहां ही माइक्रो कामधेनु डेयरी लग पाई हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  बातचीत के दौरान इस बात को स्वीकार किया कि बैंकों व विभाग के ढुलमुल रवैये की वजह से मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को ग्रहण लग रहा है।

अधिकारी ने बताया, “लघु व सीमांत किसानों को ऋण उपलब्ध कराने में बैंक आनाकानी तो करते ही हैं, पशु पालन विभाग के अधिकारी भी इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं। छोटे किसानों की ऊपर तक पहुंच नहीं होती लिहाजा कई महीने का चक्कर काटने के बाद भी उन्हें इस तरह की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है।” पशुपालन विभाग के इस अधिकारी ने बताया कि विभाग के आंकड़े ही खुद इस योजना को लेकर विभागीय अधिकारियों की सक्रियता की पोल खोल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की पत्नी और सांसद डिंपल यादव के संसदीय क्षेत्र कन्नौज सहित दो दर्जन जिलों में एक भी माइक्रो कामधेनु डेयरी अभी तक नहीं खुल पाई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो लखनऊ में 50 डेयरी स्थापना के लिए 49 आवेदन आए थे। कन्नौज में 40 डेयरियों के लिए 100 से अधिक आवेदन आए थे लेकिन इन दोनों जिलों में भी एक भी डेयरी का लाभ किसानों को नहीं मिला।

विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सिद्धार्थनगर, रामपुर, गोरखपुर, चित्रकूट, अंबेडकरनगर, बरेली, मऊ, वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़, पीलीभीत, इटावा, गाजियाबाद, इलाहाबाद, मथुरा, अमेठी, बदायूं, गोंडा और झांसी में भी एक भी डेयरी नहीं स्थापित हो पाई है। पशुपालन विभाग व बैंकों की इस निष्क्रियता को लेकर किसान नेता शारदानंद सिंह ने भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के लिए यह अच्छी योजना है लेकिन इसका सही क्रियान्वयन जरूरी है। मुख्यमंत्री को इन समस्याओं का संज्ञान लेना चाहिए ताकि छोटे किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के तय मानक के मुताबिक, माइक्रो कामधेनु योजना स्थापित करने के लिए कुल लागत 26 लाख 99 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इस योजना के लाभार्थी को 674750 रुपये ही वहन करना होता है। बाकी का पैसा बैंक की ओर से ऋण के तौर पर मुहैया कराया जाता है। ऋण के लिए ही किसानों को कई महीनों तक बैकों का चक्कर काटना पड़ता है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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