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एलईटी, आईएसआई से मिलता था ‘फंड’ : हेडली

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मुंबई| वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये गवाही के तीसरे दिन पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने खुलासा किया कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और इंटर सर्विज इंटेलीजेंस(आईएसआई) ने उसे ‘आतंकवादी फंड’ दिया करती थी जिसका इस्तेमाल उसने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में किया।  उसने गुरुवार बताया कि उसे व उसके एलईटी सहयोगी तहव्वुर राणा को आतंकवादी फंड पाकिस्तान की आईएसआई के मेजर इकबाल और एलईटी के साजिद मीर ने दिया था। राणा इस वक्त अमेरिका की जेल में 14 साल की सजा काट रहा है।

बताया गया कि राणा को अक्टूबर 2006 में 67,605 रुपये की धनराशि दी गई थी और उसके बाद नवंबर 2006 में 500 डॉलर, नवंबर के आखिर में 17,636 रुपये और दिसंबर 2006 में 1,000 डॉलर दिए गए थे।

हेडली ने यह भी खुलासा किया कि भारत रवाना होने से पहले उसे 25,000 डॉलर दिए गए थे। इसके अलावा जनवरी 2008 में उसे साजिद मीर ने 40,000 (पाकिस्तानी) रुपये व मेजर इकबाल ने 2,000 रुपये (भारतीय मुद्रा) मिले थे। एलईटी के मेजर पाशा ने 80,000 रुपये जबकि मेजर इकबाल ने अतिरिक्त 1,500 रुपये दिए थे।

हेडली ने विशेष लोक अभियोजक उज्जवल निकम को पूछताछ के दौरान बताया कि मेजर इकबाल ने उसे एक-दो मौके पर जाली नोट भी दिए थे।

उसने इससे पूर्व सुबह में, मुंबई की विशेष टाडा अदालत को बताया था कि भारत के सबसे बड़े बैंक-भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जून 2007 में उसके उस आवेदन को रद्द कर दिया था, जिसमें उसने मुंबई में एक बिजनेस अकाउंट खोलने की मंजूरी मांगी थी।

उसने बताया कि उसे एलईटी और आईएसआई दोनों ने भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए पैसे दिए थे। इस पैसे का इस्तेमाल उसने भारत में अपने लिए काम-धंधा शुरू करने और खुफिया जानकारी इकट्ठा करने में किया।

उसने बताया कि इस पैसे से उसने दक्षिण मुंबई के ताड़देव इलाके में एक ऑफिस खोला और 12 अक्टूबर, 2006 में एक बिजनेस खाता खुलवाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में आवेदन भी किया।

शिकागो में रहने वाले उसके वीजा सलाहकार रेमंड सैंर्ड्स ने आरबीआई में खाता खोलने से संबंधी औपचारिकताओं में उसकी मदद की, लेकिन आरबीआई ने एक जून, 2007 को उसका आवेदन निरस्त कर दिया।

हेडली ने भारत में कारोबार शुरू करने की उम्मीद से जनवरी, 2007 में मुंबई के ताड़देव ए/सी मार्केट में किराए पर एक ऑफिस लिया और मकान मालिक के नाम के तौर पर वोरा व मारू भरूचा का नाम लिखा, जो कि ऑफिस में उसके सेकेट्री थे। ऑफिस का प्रतिमाह का किराया 13,500 रुपये था।

हेडली ने यह काम सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उसके आका काफी पहले से चाहते थे कि वह भारत में एक व्यवसाय की शुरुआत करे।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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