प्रादेशिक
मप्र : ट्विटर पर शिकायत के बाद पकड़े गए मनचले
भोपाल| बेंगलुरू से पटना के बीच चलने वाली संघमित्रा एक्सप्रेस में मनचलों की छेड़छाड़ से परेशान छात्राओं द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर की गई शिकायत रंग लाई। शिकायत के बाद पुलिस ने न केवल ट्रेन बीच में रुकवाई, बल्कि तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। घटना शुक्रवार की है। पटना की तीनों छात्राएं बेंगलुरू में इंजीनियरिग की पढ़ाई कर रही हैं। वे तीनों शुक्रवार को संघमित्रा एक्सप्रेस से अपने घर बेगूसराय लौट रही थीं। वे वातानुकूलित डिब्बे में सवार थीं। चेन्नई से तीन युवक भी उसी डिब्बे में सवार हुए।
छात्रााओं का आरोप है कि तीनों युवक डिब्बे में बैठकर शराब पी रहे थे, जिसका उन्होंने विरोध किया। इस पर युवक उनसे छेड़छाड़ पर उतारू हो गए। उन्होंने इसकी शिकायत टीटीई के अलावा रेलवे के अन्य स्टॉफ से भी की, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। छात्राओं ने इसकी जानकारी ट्विटर पर अपने परिजनों को दी। परिजनों ने उनकी ट्वीट को मप्र पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर भेज दिया।
पुलिस के अनुसार, इस ट्वीट को पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह ने देखा और रेलवे पुलिस के पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी को इससे अवगत कराया। गोस्वामी को ट्रेन की लोकेशन बैतूल जिले के घोडाडोंगरी स्टेशन के पास मिली। उन्होंने स्टेशन मास्टर से बात कर ट्रेन रुकवाई और छात्राओं का बयान लेने के बाद तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। उन्हें बाद में जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।
पुलिस महानिदेशक सिंह ने इस अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले हवलदार दशरथ सिंह को बतौर पुरस्कार राशि पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है। इसके अलावा अन्य पुलिसकर्मियों को भी पुरस्कत करने की बात कही गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले माह दिल्ली से उज्जैन जा रही कामकाजी युवती रति से मालवा एक्सप्रेस में छेड़छाड़ हुई और उसे मप्र के बीना स्टेशन के करीब चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। वह अब भी अस्पताल में भर्ती है, जबकि आरोपी अब तक नहीं पकड़े गए हैं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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