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मुख्य समाचार

बीएचयू मालवीय जी की दूरदर्शिता का परिचायक : प्रधानमंत्री

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भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की दूरदर्शिता की सराहना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह

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वाराणसी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के शताब्दी दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय की दूररदर्शिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का निर्माण उनकी दूरदर्शिता का साक्षात प्रमाण है। वाराणसी से सांसद मोदी ने कहा कि अंग्रेज भी पूरे भारत में विश्वविद्यालय खोल रहे थे, लेकिन उन्होंने केवल अपनी प्रेसीडेंसी में ही काम करवाए, लेकिन महामना ने इस स्थान को चुना। मोदी ने महामना द्वारा स्थापित इस विश्वविद्यालय के विकास में योगदान निभाने वाले लोगों को नमन किया। उन्होंने दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह महामना और उनके बाद उन महापुरुषों की अथक मेहनत का ही परिणाम है कि दुनिया के कोने-कोने में इस विश्वविद्यालय के छात्र इसका नाम रोशन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बीएचयू भारत की विरासत है। मालवीय जी ने 100 साल पहले जो बीज बोया था, आज उसका फल देश को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को मिल रहा है। उन्होंने योग विधा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में योग नई चीज नहीं है। पहले भारत के योग को कोई तवज्जो नहीं देता था, लेकिन पिछले साल जब संयुक्त राष्ट्र ने योग दिवस को मान्यता दी, तब पूरी दुनिया को इसकी ताकत का पता चला। उपाधि वितरण करने के बाद विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “यह दीक्षांत समारोह है और आपको कभी ऐसा नहीं लगना चाहिए कि यह शिक्षांत समारोह है। मुझे तो लगता है कि दीक्षांत के बाद ही असली शिक्षा की शुरुआत होती है।” उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि डिग्री लेने के बाद दुनिया को संवारने के काम की शुरुआत होती है।

उन्होंने युवाओं से नए विचार सामने लाने को कहा। उन्होंने कहा कि देश की समस्याओं को खत्म करने के लिए बहुत काम करना है। इस दिशा में युवाओं को ही आगे आकर काम करना होगा। इन्हीं में से कोई डॉक्टर, इंजीनियर, साहित्यकार और वैज्ञानिक बनेगा, जो देश और दुनिया की दशा और दिशा संवारेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। सोमवार सुबह वह काशी में सीरगोबर्धन स्थित संत रविदास के मंदिर पहुंचे और उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर संत रविदास जयंती पर उन्हें याद करते हुए समाज के उत्थान के लिए उनके सराहनीय कार्यो का जिक्र किया। वाराणसी के सीरगोवर्धन में सोमवार को संत रविदास की 639वीं जयंती उत्सव में शामिल होने के लिए मोदी वाराणसी पहुंचे हैं। यहां उन्होंने रविदास मंदिर में बना प्रसाद भी ग्रहण किया।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार रात 10.21 बजे वाराणसी बाबतपुर हवाईअड्डा पहुंचे। उन्होंने डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) स्थित गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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