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प्रादेशिक

वाममोर्चे से गठबंधन पर त्रिपुरा कांग्रेस में मतभेद

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वाममोर्चे से गठबंधन, त्रिपुरा कांग्रेस में मतभेद, विपक्ष के नेता कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन

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अगरतला| पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे के साथ गठबंधन की संभावनाओं को लेकर त्रिपुरा कांग्रेस में तीव्र मतभेद उभर कर आए हैं। त्रिपुरा कांग्रेस अध्यक्ष बिराजित सिन्हा और कुछ अन्य नेताओं का कहना है कि वे केंद्रीय नेतृत्व के हर फैसले को स्वीकार करेंगे, लेकिन विपक्ष के नेता, कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन और उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री समीर रंजन बनर्जी वाममोर्चे के साथ किसी भी प्रकार के गठबंधन के सख्त खिलाफ हैं। त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिराजित सिन्हा ने सोमवार को कहा, “हम इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व के हर फैसले को स्वीकार करेंगे।” समीर रंजन बर्मन ने संवाददाताओं से कहा, “मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) एक नीति रहित पार्टी है। इसके कोई सिद्धांत नहीं हैं। लोगों ने इसे सत्ता से उखाड़ फेंका है। अब वह कांग्रेस के कंधे पर सवार होकर फिर से सत्ता हासिल करना चाहती है।”

बर्मन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में वाममोर्चा के साथ गठबंधन के खिलाफ राय दी है और कहा है कि यह कांग्रेस के लिए ‘नुकसानदायक’ होगा।बर्मन ने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में माकपा ने अपने 34 साल के शासन के दौरान कांग्रेस के लगभग 50,000 प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को बेरहमी से मार डाला था।” उनकी टिप्पणी के मुताबिक, “माकपा ने हमेशा राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की छवि धूमिल करने की कोशिश की है और उन्होंने साम्यवाद को हमेशा देशभक्ति से ऊपर रखा है।” कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता तापस डे ने कहा कि बर्मन की गलतियों की वजह से ही 1993 में कांग्रेस त्रिपुरा की सत्ता से दूर हुई थी। सत्तारूढ़ माकपा ने कांग्रेसी नेताओं की टिप्पणियों का उपहास उड़ाया है। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य गौतम दास ने संवाददाताओं से कहा, “माकपा ने सभी प्रजातांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से पश्चिम बंगाल में गठबंधन करने का आग्रह किया है।”

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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