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बिहार : महाशिवरात्रि पर शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज

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बिहार : महाशिवरात्रि पर शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज

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बिहार : महाशिवरात्रि पर शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज

पटना| बिहार में महाशिवरात्रि पर राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज है। इस अवसर पर मंदिरों में पूजन, जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए खास इंतजाम किए गए है। पटना के मंदिरों में सोमवार अल सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में भक्त अपने अराध्य देव भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए शिवालयों में पहुंचे। शिवालयों में शिव भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं।

पटना में छोटे-बड़े सभी शिवालयों को फूलों से सजाया गया तथा आकर्षक ढंग से रोशनी की व्यवस्था की गई। मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सुपौल, पूर्णिया और महर्षि विश्वामित्र की नगरी बक्सर में भी सुबह से ही शिवालयों में भक्ति संगीत बजने लगे तथा महिला शिवभक्त गीत गा कर भगवान शिव से गुहार लगाती रहीं।

पटना के कंकड़बाग के आनंदनाथ शिव मंदिर समेत कई स्थानों पर झांकी तथा सिमली स्थित प्राचीन शिव मंदिर में शोभायात्रा निकाली गई। महाशिवरात्रि के मौके पर कई शिवालयों और मंदिरों में जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के अलावा अखंड कीर्तन के आयोजन भी किए गए।

आचार्य बैद्यनाथ झा के मुताबिक, “इस वर्ष महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ा है और तिथि की दृष्टि से त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी का भी संयोग खास है, जिससे शनि, मंगल से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है तथा सभी कष्टों से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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