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प्रादेशिक

कोरोना मुक्त होने पर सीएम योगी श्रावस्ती जिले को करेंगे पुरस्कृत

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लखनऊ। सीएम योगी के कुशल प्रबंधन और सफल निर्णयों से श्रावस्ती जिले ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से मुक्ति पा ली है। यहां एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। कोरोना संक्रमित सभी मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोरोना के एक्टिव केस आना कम हो गया है। बीमारी पर नियंत्रण के लिये लगातार किये जा रहे प्रयासों से प्रत्येक दिन सरकार को नई सफलता मिल रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती की इस उपलब्धि को अन्य जनपदों के लिये प्रेरणास्पद बताया है। उन्होंने जिले में एग्रेसिव टेस्टिंग को जारी रखने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय श्रावस्ती के जन प्रतिनिधियों, स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंट लाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन को दिया है। उन्होंने जनपद के लोगों से संयम और जागरूकता के क्रम को सतत बनाए रखने के लिये कहा है।

जिलाधिकारी टीके शीबू ने बताया कि सरकार के निर्देशों पर बीमारी पर नियंत्रण के लिये निगरानी समितियों ने तेजी से कार्य किया। निगरानी के लिये जिले में नोडल अफसर बनाए गये। उनकी देखरेख में स्वास्थ्य सुविधाओं को जनपद के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया गया। उन्होंने श्रावस्ती की इस उपलब्धि के लिये लेखपालों के साथ-साथ स्वस्थयकर्मियों और उनके साथ बीमारी से लड़ाई में साथ देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बधाई दी है।

योगी सरकार श्रावस्ती जनपद को करेगी पुरस्कृत

अगले एक सप्ताह तक जिले में संक्रमण का कोई नया केस नहीं मिलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ श्रावस्ती जिले को पुरस्कृत करेंगे। गौरतलब है कि सरकार के लगातार किये जा रहे प्रयासों से महामारी की दूसरी लहर की स्थिति पर यूपी ने नियंत्रण पाया है। शहरी क्षेत्रों में 73441 और ग्रामीण अंचलों में स्थापित 60569 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्यों ने कोरोना की चेन तोड़ने में सरकार की बड़ी मदद की है। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की रणनीति पर तेजी से काम किया है। प्रत्येक संक्रमित मरीजों की ट्रेजिंग करने, उनकी आरआटी से जांच करवाने के प्रयास किये गये। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के कई जिले कोरोना मुक्त होना शुरू हो गये हैं।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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