प्रादेशिक
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया 89053.22 लाख रूपए की 291 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण
लखनऊ। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वर्चुअल माध्यम से सहारनपुर क्षेत्र के अन्तर्गत 89053.22 लाख रूपये की 291 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए कि औपचारिक रूप से एक माह के भीतर स्थानीय स्तर पर इन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कराया जाए। उन्होंने कहा कि कार्य में गुणवत्ता तथा शीघ्रता से कार्य पूरा कर जनता को सुविधा दी जाए। उन्होने कहा कि आज प्रदेश और देश में चारो तरफ विकास की गंगा बह रही है। उन्होने कहा कि जनता की सुरक्षा एवं विकास से संबंधित जितनी डिमाण्ड मेरे पास आई है। मैं उन सबको स्वीकार करता हूँ। उन्होने यमुना नदी पर हरियाणा से जोडने के लिए सौंधेबांस गांव में पुल निर्माण को भी स्वीकृति दी।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज से वर्चुअल विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यस किया। उन्होंने इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार गुण्डाराज और भ्रष्टाचार को खत्म कर सबका साथ-सबका विकास तथा सबका विश्वास के मंत्र के साथ कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्दर गरीब कल्याण, किसान कल्याण तथा विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार का मतलब भ्रष्टाचार मुक्त, सरकार तथा गरीबों और किसानों का विकास है। उन्होने कहा कि अधिकारी जनहित के कार्यों तथा जनप्रतिनिधियों और जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करें। उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार में जितना पैसा केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा भेजा जाता है उतना पैसा लाभार्थी को मिलता है। उन्होने कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता का विकास तथा उनके जीवन में खुशहाली लाना है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रत्येक नागरिक को सम्मान देने का कार्य किया है। उन्होने कहा कि वर्तमान सरकार का लक्ष्य विकास, गरीबों का उत्थान, बेरोजगार को रोजगार, किसान की आमदनी बढाने के साथ बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। स्कूल टॉपर बच्चों के घरों और विद्यालयों तक सड़़क, शहीदों के घरों तक सड़क, खिलाडियों के घरों तक सड़क बनाने का कार्य करने के साथ ही विभिन्न जन कल्याणकारी कार्य वर्तमान सरकार कर रही है। इस अवसर पर आयुष मंत्री डॉ0 धर्म सिंह सैनी, पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री जसवंत सिह सैनी, विधायक श्री देवेन्द्र निम, कुवंर बृजेश सिंह, श्री किरत सिंह, महापौर श्री संजीव वालिया, श्री महेन्द्र सैनी, श्री राकेश जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मांगेराम चौधरी, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण और लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी की पहल पर आयोग का फैसला, एक ही दिन होगी पीसीएस (प्रा.) परीक्षा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री की पहल पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने आगामी पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। इस निर्णय से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले लाखों छात्रों को राहत मिली है।
छात्रों के हित में सीएम योगी की पहल
पिछले कुछ दिनों से पीसीएस और अन्य चयन परीक्षाओं को लेकर छात्रों के बीच असंतोष की स्थिति थी। छात्रों की मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एकाधिक पालियों में कराने के बजाय एक ही दिन में संपन्न कराया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की इन मांगों का संज्ञान लेते हुए आयोग को निर्देश दिया कि वह छात्रों के साथ संवाद स्थापित कर आवश्यक निर्णय ले। आयोग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर छात्रों से संवाद किया और उनकी मांगों पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 पूर्व की भांति एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री की पहल पर यूपीपीएससी ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए उसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी, जिससे इन परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित किया जा सके।
चयन परीक्षाओं की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान
आयोग के सचिव ने बताया कि हाल के महीनों में देश के कई हिस्सों में पेपर लीक की घटनाओं को देखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने चयन परीक्षाओं की शुचिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है। इसी कारण, आयोग ने दिसंबर में प्रस्तावित पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एकाधिक पालियों में आयोजित करने की घोषणा की थी। हालांकि, छात्रों की मांग और मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में आयोजित की जाएगी।
छात्रों को मिलेगा फायदा
इस फैसले से लाखों छात्र जो इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बड़ी राहत मिलेगी। परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने से छात्रों को परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का भरोसा मिलेगा। साथ ही, आयोग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता को और अधिक मजबूती मिलेगी। इस फैसले के बाद छात्रों में खुशी की लहर है और वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस त्वरित निर्णय की सराहना कर रहे हैं।
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