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प्रादेशिक

प्रदेश के औद्योगिक विकास के पथ बनेंगे एक्सप्रेस-वे

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लखनऊ। योगी सरकार एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के पथ तौर पर विकसित कर रही है। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ औद्योगिक कारीडोर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर उस क्रियान्वित किया जा रहा है। ये कारीडोर प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करेंगे, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। इससे आसपास के क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।

योगी सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। एक तरफ जहां प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में लगातार कार्य हो रहे हैं, वहीं प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी सरकार गति देने में जुटी है। बेहतर इंफ्रास्टक्चर के लिए प्रदेश एक्सप्रेस-वे का जाल बिछाया जा रहा है तो इसके दोनों ओर औद्योगिक कारीडोर के निर्माण करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस शुरू हो चुका है, जबकि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे कार्य अंतिम चरण में है। इसके जल्द शुरू होने की संभावना है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस, बलिया एक्सप्रेस-वे काम तेजी से चल रहा है। गंगा एक्सप्रेस के लिए भी तेजी से कार्रवाई चल रही है। सरकार इनके दोनों तरफ औद्योगिक कारीडोर को विकसित कर रही है।

अगले 100 दिनों में एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कारीडोर्स के विकास माडल को अंतिम रूप देने के लिए औद्योगिक विनिर्माण समूहों (इंडस्ट्रीयल मैन्यूफैक्चरिंग क्लसटर्स) को चिह्नित किया जाएगा। दो वर्षों में एक्सप्रेस-वे के किनार 6 इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टरों के लिए भूमि खरीदी जाएगी या अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार दो से पांच वर्षों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर के सभी नोड पर अवस्थापना के विकास कार्य को तेजी से कराएगी। पावर स्टेशन, सड़कों का चौड़ीकरण, सम्पर्क मार्गों का निर्माण, ड्रेनेज और पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। सरकार इसके जरिए प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगी, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी।

अगले 100 दिनों में एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक कारीडोर्स के विकास माडल को अंतिम रूप देने के लिए औद्योगिक विनिर्माण समूहों (इंडस्ट्रीयल मैन्यूफैक्चरिंग क्लसटर्स) को चिह्नित किया जाएगा। दो वर्षों में एक्सप्रेस-वे के किनार 6 इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टरों के लिए भूमि खरीदी जाएगी या अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार दो से पांच वर्षों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर के सभी नोड पर अवस्थापना के विकास कार्य को तेजी से कराएगी। पावर स्टेशन, सड़कों का चौड़ीकरण, सम्पर्क मार्गों का निर्माण, ड्रेनेज और पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। सरकार इसके जरिए प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देगी, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी।

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प्रादेशिक

बिहार में पुरुष शिक्षक हुआ गर्भवती, मैटरनिटी लीव भी मिला, जानें पूरा मामला

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हाजीपुर। अक्सर बिहार का शिक्षा विभाग सुर्खियों में रहता है लेकिन इस बार तो शिक्षा विभाग में बड़ा कांड हो गया। शिक्षा विभाग ने एक पुरुष BPSC शिक्षक को गर्भवती बना दिया और मैटरनिटी लीव (मातृत्व अवकाश) भी दे दी। खबर सामने आने के बाद अब बिहार शिक्षा विभाग और टीचरों का मजाक उड़ रहा है।

आधिकारिक वेबसाइट पर हुआ अपलोड

यह मामला हाजीपुर महुआ प्रखंड क्षेत्र के उच्च विद्यालय हसनपुर ओसती का है। यहां पर तैनात बीपीएससी टीचर जितेंद्र कुमार सिंह को शिक्षा विभाग की तरफ से गर्भवती बताकर छुट्टी दे दिया गया है। शिक्षा विभाग के पोर्टल ई शिक्षा कोष पर जितेंद्र कुमार सिंह को मैटरनिटी लीव दिया गया है। शिक्षा विभाग की नजरों में और ऑफिशल वेबसाइट के अनुसार, शिक्षक जितेंद्र कुमार सिंह प्रेग्नेंट हैं और छुट्टी पर हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि मैटरनिटी लीव सिर्फ और सिर्फ महिला टीचर के लिए होती है। महिला शिक्षकों को यह छुट्टी तब मिलती है जब वह गर्भवती हों और बच्चे को जन्म देने वाली हों। लेकिन हाजीपुर में तो मामला ही पलट गया है। यहां तो पुरुष टीचर को भी मैटरनिटी लीव दिया गया है।

शिक्षा विभाग ने मानी गलती

हालांकि इस मामले में प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने विभाग की गलती कबूल करते हुए यह बात कहा है कि गड़बड़ी से पोर्टल पर इस तरीके का हुआ है। पुरुष टीचर को इस तरीके की छुट्टी नहीं दी जाती। इसमें जल्द ही सुधार किया जाएगा।

लोग शिक्षा विभाग का बना रहे मजाक

जिस तरीके से एक टीचर को महिलाओं को मिलने वाली छुट्टी दी गई है, उससे जिले के पुरुष शिक्षकों में आक्रोश भी है और हंसी ठिठौली करने का एक अनोखा मुद्दा मिल गया है। शिक्षा विभाग ने कमरे पर जाकर मीडिया से बात करने का अनुमति नहीं दी है नहीं तो टीचर ना जाने क्या-क्या बात मजाक में बोल रहे हैं।

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