Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश को ‘पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स’ का हब बनाने के लिए योगी सरकार ने शुरू की तैयारी

Published

on

Loading

लखनऊ, 29 जुलाई। उत्तर प्रदेश को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर कर प्रदेश की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने तेजी से वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के लिहाज से तेज प्रगति दर्ज की है। इसके पीछे कई कारण हैं, मगर जो सबसे बड़ा कारण है वह यह है कि प्रदेश में उद्योग, निवेश, पर्यटन व नागरिक सुविधाओं के विकास समेत ऊर्जा क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के सुधार किए गए हैं। इन सुधारों ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। एक ओर, प्रदेश में सौर व पवन ऊर्जा की परियोजनाओं को वृहद स्तर पर गति दी जा रही है, वहीं अब उत्तर प्रदेश को पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के हब के तौर पर प्रोजेक्ट करने और इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए योगी सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश में पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी को जिम्मा सौंपा गया है। इन्वेस्ट यूपी में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है और कार्यों को प्रगति देने के लिए उसके द्वारा कंसल्टेंसी फर्म के निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

एक वर्ष की कार्यावधि के लिए होगा कंसट्लेंसी एजेंसी का निर्धारण

सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश को सोलर एनर्जी, विंड एनर्जी के साथ ही अब पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) के लिए भी हब बनाने पर फोकस किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है जिस पर कार्य शुरू कर दिया गया है। इस क्रम में, प्रदेश में निवेश की नोडल एजेंसी के तौर पर कार्यरत इन्वेस्ट यूपी अब कन्सलटेंसी फर्म के निर्धारण व कार्यावंटन के जरिए पीएसपी साइट्स की क्षमता, जरूरतें, विकास के मानकों का निर्धारण समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रारंभिक आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पीएसपी के लिए चार मंडल चिह्नित किए गए हैं जिसमें चित्रकूट धाम, झांसी, वाराणसी व विंध्याचल मंडल में इन प्रोजेक्ट्स की साइट्स की शॉर्टलिस्टिंग व इन से संबंधित प्रारंभिक आंकलन रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इनमें से, सोनभद्र में 1200 मेगावॉट के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट को पहले ही योगी सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।

ऊर्जा उत्पादन के उतार-चढ़ाव को रेगुलेट करने में मिलेगी मदद

पीएसपी योजना कई मायने में विशिष्ट है। यह तेजी से रैंपिंग क्षमता प्रदान करती है जो ऊर्जा उत्पादन में कमी को पूरा करने के लिए आवश्यक है। जब नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन अप्रत्याशित रूप से गिरता है और सौर व पवन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उत्पादन में कमी आती है, तब हाइड्रो इलेक्ट्रिक एनर्जी बेस्ड पीएसपी विकल्प के तौर पर ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है। वे इंट्रा-डे व इंटर-डे फर्मिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह कम मांग की अवधि के दौरान ऊर्जा का भंडारण करते हैं और पीक अवधि के दौरान आपूर्ति करते हैं, जो ऊर्जा आपूर्ति और मांग में दैनिक और साप्ताहिक उतार-चढ़ाव को प्रबंधित करने में मदद करता है। पीएसपी बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण के माध्यम से ऊर्जा दक्षता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, उत्पादित बिजली के उपयोग को अनुकूलित करते हैं और समग्र दक्षता को बढ़ाते हैं।

500 मेगावॉट कैपेसिटी से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स का मार्ग होगा प्रशस्त

प्रदेश में पीएसपी फ्रेमवर्क को बढ़ाने के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा जिस कन्सल्टेंसी एजेंसी का निर्धारण व कार्यावंटन होगा वह 500 मेगावॉट से ज्यादा कैपेसिटी के प्रोजेक्ट्स को तरजीह देगी। कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी को मशीन कॉन्फिगरेशन, 6 घंटे की पीकिंग कैपेसिटी, ओपन-क्लोज्ड लूप पीएसपी, हाइड्रोलॉजी, पावर इवैक्यूएशन, वॉटर सोर्स एवेलिबिलिटी, इंडीकेटिव केपेक्स, राउंडट्रिप एफिशिएंसी, सर्ज शाफ्ट, पावरहाउस, लैंड रिक्वायरमेंट, अपर व लोअर रिजर्वॉयर कैपेसिटिज तथा एक्सेस रोड समेत विभिन्न प्रकार के मानकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसके बाद, इन प्रोजेक्ट्स के विकास और रेगुलर मॉनिटरिंग के फ्रेमवर्क को भी सुनिश्चित किया जाएगा।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

Published

on

Loading

लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

Continue Reading

Trending