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आईआईटी कानपुर ने तैयार की हवा में उड़ने वाली कार, सेना के साथ साथ इंटेलिजेंस में भी मिलेगी मदद

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वह दिन दूर नहीं जब सड़कों पर दौड़ने वाली कार का क्रेज खत्म हो जाएगा। तकनीक जिस रफ्तार से आगे बढ़ रही है बहुत ही जल्द हवा में उड़ने वाले कार दस्तक देंगे। आईआईटी कानपुर ने इसमें सफलता भी पा ली है। आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस विभाग के एचओडी प्रोफेसर एके घोष व पांच स्टूडेंट्स ने मिलकर हवा में उड़ने वाली दो सीटर कार ( एयर टैक्सी ) बनाई है। हालांकि अभी इसके उपयोग को लेकर इसे केवल सैन्य इस्तेमाल हेतु सहमति बनी है लेकिन वह वक़्त दूर नहीं जब आम लोग भी इसे खरीद पाएंगे।

इस एयर टैक्सी के जरिए सेना व अर्धसैनिक बलों के जवान जंगलों में छिपे हुए आतंकवादियों का न सिर्फ पता लगा सकेंगे बल्कि उन्हें खत्म भी कर सकेंगे। साथ ही सरहद पर दुश्मन देश की हर गतिविधि पर इससे नजर रखी जा सकेगी।  इंटेलिजेंस की दृष्टि से भी इसमें काम किया जा रहा है।

आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस विभाग पिछले एक साल हवा में उड़ने वाली कार के अविष्कार के लिए जुटा हुआ था। विभाग के सांइटिस्टों को इसमें सफलता मिल गई। कार को सफलता पूर्वक परीक्षण कर लिया गया है और इसका निर्माण अगले वर्ष मुम्बई में शुरू हो जाएगा।

एयरोस्पेस विभाग के एचओडी प्रोफेसर एके घोष ने बताया कि टू सीटर कार बना रहा है। यह अधिकतम 12 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकेगी। न्यूनतम ऊंचाई 1000 फीट रहेगी। कार इलेक्ट्रिक पावर और कंबशन तकनीक पर काम करेगी। इसकी गति 90 से 100 मीटर प्रति सेकंड होगी। एरोप्लेन के मुकाबले इसकी आवाज बहुत कम होती है। प्रोफेसर एके घोष के मुताबिक इस कार के जरिए सेना आतंकियों की खोज कर उनका काम तमाम कर सकती है।

प्रोफेसर घोष ने बताया कि संस्थान ने कार के निर्माण के लिए विटॉल एविएशन कंपनी से 15 करोड़ का करार किया है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग अगले पांच साल के अंदर 800 से 1000 किलोग्राम का प्रोटोटाइप मॉडल तैयार करेगा। सफल परीक्षण के बाद कार को मुंबई में तैयार किया जाएगा, जहां इसकी फैक्ट्री लगाने की योजना है। मॉडल को मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार किया जाएगा। प्रोफेसर ने बताया कि एयर टैक्सी को सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन में काम लाया जा सकता है।

प्रोफेसर घोष ने बताया कि संस्थान में 10 मई को 20 किलोग्राम भार के अनमैंड एरियल व्हीकल (यूएवी) को 20 मिनट तक हवा में उड़ाकर सफल परीक्षण किया था। बिन पायलट यूएवी को तकनीकी सहायता लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी से भी मिली है।

प्रोफेसर के मुताबिक, हवा में उड़ने वाली कार में सुरक्षा की खास व्यवस्था होगी। कई तरह के सेंसर लगे रहेंगे। किसी तरह की आपदा होने पर किस तरह से पैराशूट का इस्तेमाल किया जाए, उस पर मंथन चल रहा है। इंजन में कम से कम आवाज हो, एयर ट्रैफिक को नुकसान न पहुंचे, इस पर भी काम चल रहा है।

प्रोफेसर ने बताया कि यह कार सीधे टेक ऑफ और लैंडिंग कर सकेगी। इसके लिए रनवे की जरूरत नहीं पड़ेगी। बर्फ में फंसे सेना के जवानों को निकालने के लिए यह कार बर्फीले पहाड़ पर उतर जाएगी और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देकर फिर से वहीं से उड़ान भर लेगी। घने जंगलों में जगह मिलने पर इसे वहां भी लैंड किया जा सकता है।

प्रोफेसर ने बताया कि यह कार नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के लिए कवच का काम कर सकती है। नक्सली जंगलों में डेरा जमाए रहते हैं। कार के जरिए उनकी सही लोकेशन की जानकारी मिलने पर सुरक्षाबल के जवान वहां पहुंच कर उन्हें मार सकते हैं। प्रोफेसर ने बताया कि यह कार पूरी तरह स्वदेशी कलपुर्जो से तैयार की गई है।

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राहुल गांधी रायबरेली पहुंचे, पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर लिया हनुमान जी का आशीर्वाद

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लखनऊ। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिवसीय रायबरेली के दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली लखनऊ बॉर्डर स्थित पीपलेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन कर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसके बाद डिग्री कॉलेज चौराहा शहीद चौक पर पहुंचे। यहां माल्यार्पण कर डिग्री कॉलेज चौराहे का लोकार्पण किया।

लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने सड़क मार्ग से रायबरेली तक का रास्ता तय किया। इस बीच वह चुरुवा हनुमान मंदिर में पूजा करने के लिए भी रुके। रायबरेली पहुंचने के बाद राहुल गांधी दिशा की बैठक में शामिल हुए। लोकसभा चुनाव के बाद राहुल का अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में तीसरा और यूपी का 5वां दौरा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि राहुल गांधी के दौरे से उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई ऊर्जा आएगी। चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ेगा। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लखनऊ पहुंच गए हैं। वह एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से रायबरेली के लिए रवाना हो गए हैं।

इसके पहले राहुल गांधी को रिसीव करने आए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी एक जागरूक और जिम्मेदार नेता हैं। वह रायबरेली संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति जानने के लिए दिशा की बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के बाद 2:30 बजे राहुल गांधी फुरसतगंज एयर पोर्ट के लिए रवाना होंगे।

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