Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने सदन में दिलाई इमरजेंसी की याद, विपक्ष ने किया हंगामा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने सदन में इमरजेंसी की याद दिलाई और इसकी निंदा की। उन्होंने कहा- इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान किया था। स्पीकर के प्रस्ताव रखते ही पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।स्पीकर ओम बिरला इमरजेंसी के दौरान जान गंवाने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने मौन रखा, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष के सांसद हंगामा करते रहे। कांग्रेस सांसदों का आरोप था कि स्पीकर भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। मौन के बाद स्पीकर ने गुरुवार तक के लिए संसद को स्थगित कर दिया।

ओम बिरला ने कहा कि ये सदन 1975 में देश में इमरजेंसी लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम उन सभी लोगों की संकल्पशक्ति की सराहना करते हैं। जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी ने भारत के कितने ही नागरिकों का जीवन तबाह कर दिया था। कितने ही लोगों की मृत्यु हो गई थी। इमरजेंसी के उस काले कालखंड में, कांग्रेस की तानाशाह सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले भारत के ऐसे कर्तव्यनिष्ठ और देश से प्रेम करने वाले नागरिकों की स्मृति में हम दो मिनट का मौन रखते हैं।

बिरला ने कहा कि 1975 में आज के ही दिन तब की कैबिनेट ने इमरजेंसी का पोस्ट-फैक्टो रेटिफिकेशन किया था। इस तानाशाही और असंवैधानिक निर्णय पर मुहर लगाई थी। इसलिए अपनी संसदीय प्रणाली और अनगिनत बलिदानों के बाद मिली इस दूसरी आजादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए आज ये प्रस्ताव पास किया जाना आवश्यक है। हम ये भी मानते हैं कि हमारी युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के इस काले अध्याय के बारे में जरूर जानना चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 1975 से 1977 का वो काला कालखंड अपने आप में एक ऐसा कालखंड है। जो हमें संविधान के सिद्धांतों, संघीय ढांचे और न्यायिक स्वतंत्रता के महत्व की याद दिलाता है। ये कालखंड हमें याद दिलाता है कि कैसे उस समय इन सभी पर हमला किया गया और क्यों इनकी रक्षा आवश्यक है।

नेशनल

दिल्ली में हुई हल्की बारिश, हवाओं में होगा सुधर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए सोमवार की सुबह अच्छी खबर लेकर आई। दिल्ली में हुई हल्की बारिश के बाद लोगों को खराब हवा से छुटकारा मिलने के आसार हैं। शांत हवाओं और सर्द मौसम के कारण देश की राजधानी दिल्ली लगातार गैस चेंबर में तब्दील होती जा रही है। ऐसे में बारिश होने पर हवा का स्तर सुधरेगा। सोमवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में हल्की बारिश के आसार हैं। बारिश होने पर दिल्ली का एक्यूआई तेजी से कम हो सकता है।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को और खराब हो गई और 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 409 पर पहुंच गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

शनिवार को 400 से कम था एक्यूआई

शनिवार को एक्यूआई 370 दर्ज किया गया था, जो ‘बहुत खराब” आता है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच को ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ माना जाता है। रविवार को राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया और 39 निगरानी केन्द्रों में से 37 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ में श्रेणी में बताया। कुछ क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर 474 तक दर्ज किया गया। दिल्ली अब भी ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) का चौथे चरण लागू है जिसमें कड़े प्रदूषण-रोधी उपाय शामिल हैं।

Continue Reading

Trending