Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अमित शाह ने कह दी ऐसी बात, सुनकर आपको भी नहीं होगा यकीन

Published

on

अमित शाह

Loading

पटना। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बिहार के दो दिवसीय दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन जहां एक ओर अमित शाह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भापजा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते नजर आए वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो मुलाकातें कर विपक्ष को यह भी संदेश दे दिया कि दोनों पार्टियों का बंधन अटूट है।

अमित शाह

भाजपा अध्यक्ष शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी महागठबंधन ‘लार टपकाता रहे’ मगर नीतीश कुमार के साथ गठबंधन नहीं टूटेगा। उन्होंने दावा किया कि अगले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 40 सीटें राजग जीतेगा। कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उन्होंने कहा, हमने जिस जीत की आदत डाली है, उसे बनाए रखना होगा।

पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद भाजपा शक्ति केंद्र प्रभारियों को संबोधित करते हुए शाह ने बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की और देश को कांग्रेस मुक्त करने के अपने अभियान की चर्चा कहते हुए कहा, कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की शुरुआत बिहार से ही हुई है। कांग्रेस के आपातकाल के दौरान इसी धरती पर जयप्रकाश नारायण निकले और कांग्रेस को हटा दिया। बिहार के राजेंद्र प्रसाद, कर्पूरी ठाकुर जी और जय प्रकाश नारायण ने देश को दिशा दी है।

यह बात दीगर है कि कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना करने वाले अमित शाह अपने गृहराज्य को अब तक कांग्रेस मुक्त नहीं कर पाए हैं। गुजरात के 77 विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस और तीन पर इसके सहयोगी दलों का कब्जा है।

भाजपा को एक विचारधारा बताते हुए शाह कहा, भाजपा एक परिवार की नहीं, बल्कि विचारधारा की पार्टी है। विचारधारा के संघर्ष में कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुए और हमारे कार्यकर्ता आज भी बलिदान दे रहे हैं। 10 सदस्यों वाली पार्टी आज 11 करोड़ सदस्यों की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

उन्होंने साढ़े चार वर्ष के राजग सरकार के विकास कार्यो की चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं से सरकार की योजनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता को बताने की सलाह दी।

शाह ने 2013 में कांग्रेस कार्यकाल की चर्चा करते हुए कहा, उस समय देश में नीतिगत लकवा मार गया था। देश का हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानता था, परंतु प्रधानमंत्री खुद को प्रधानमंत्री नहीं मानता था। इसके बाद नरेंद्र मोदी की हवा आई जो आंधी बनी और फिर सुनामी बन गई और फिर पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी।

उन्होंने कांग्रेस के साथ राजद पर भी निशाना साधते हुए कहा, वर्ष 2014 में सभी विपक्षी पार्टियां हमारे खिलाफ लड़ी थीं और हमने सभी को हराकर ही सत्ता पाई थी। हम इन सभी को फिर से हराएंगे।

शाह ने जोर देकर कहा, एनडीए से सिर्फ चंद्रबाबू नायडू गए हैं, लेकिन उनके बदले नीतीश कुमार आ गए हैं, तो क्या फर्क पड़ा।

इससे पहले, शाह के पटना स्थित ज्ञानभवन पहुंचने पर 101 शंख ध्वनियों से उनका स्वागत किया गया। इसके बाद उन्हें मखाने का माला पहनाकर सम्मानित किया गया।

इसके बाद शाह भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे और फिर राजकीय अतिथिशाला में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और चुनाव तैयारी समिति के नेताओं के साथ बैठक की।

इससे पहले, अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर गुरुवार को पटना पहुंचे अमित शाह और राजग में शामिल जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ पटना के राजकीय अतिथिशाला में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने साथ में सुबह का नाश्ता किया। इस दौरान करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं ने सियासी चर्चा की।

नीतीश के रात्रिभोज निमंत्रण पर शाह रात में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। दोनों नेता एक बार फिर रात के भोजन पर मिले। इस भोज में दोनों दलों के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। कयास लगाया जा रहा है कि अपने-अपने पार्टी के दोनों प्रमुखों के बीच सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा होगी।

इस बीच, जद (यू) के वरिष्ठ नेता क़े सी़ त्यागी ने बताया कि एक ही गठबंधन में शामिल दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई है, लेकिन अभी यह पहले ही दौर की बातचीत है। ऐसे में सीट बंटवारे को लेकर सारी बातें तय हो जाएंगी, इस पर संशय है।

इससे पहले, शाह गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे पटना हवाईअड्डे पहुंचे, जहां भाजपा के नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय सहित कई केंद्रीय मंत्री और बिहार के मंत्री सहित बड़ी संख्या में कार्यकताओं ने उनका स्वागत किया।

इधर, शाह के आगमन को लेकर पटना की सड़कें भाजपा के बैनर, पोस्टरों से भरी पड़ी हैं। शाह के आगमन को लेकर सुरक्षा के भी कड़े प्रबंध किए गए हैं। शाह शुक्रवार की सुबह दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।

 

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending