Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

AIMPLB की दलील, तीन तलाक गुनाह लेकिन आस्था का मामला

Published

on

Loading

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि तीन तलाक एक ‘गुनाह और आपत्तिजनक’ प्रथा है, फिर भी इसे जायज ठहराया गया है और इसके दुरुपयोग के खिलाफ समुदाय को जागरूक करने का प्रयास जारी है।

वरिष्ठ वकील यूसुफ हातिम मनचंदा ने न्यायालय से तीन तलाक के मामले में हस्तक्षेप न करने के लिए कहा, क्योंकि यह आस्था का मसला है और इसका पालन मुस्लिम समुदाय 1,400 साल पहले से करते आ रहा है, जब इस्लाम अस्तित्व में आया था। उन्होंने कहा कि तीन तलाक एक ‘गुनाह और आपत्तिजनक’ प्रथा है, फिर भी इसे जायज ठहराया गया है और इसके दुरुपयोग के खिलाफ समुदाय को जागरूक करने का प्रयास जारी है।

एआईएमपीएलबी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य मनचंदा ने यह सुझाव पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ को तब दिया, जब पीठ ने उनसे पूछा कि तीन तलाक को निकाह नामा से अलग क्यों किया गया और तलाक अहसान तथा हसन को अकेले क्यों शामिल किया गया।

एआईएमपीएलबी की तरफ से ही पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और यह आस्था का मामला है और इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। उसी तरह, मुस्लिम पर्सनल लॉ भी आस्था का विषय है और न्यायालय को इस पर सवाल उठाने से बचना चाहिए।

सिब्बल पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ के समक्ष अपनी दलील पेश कर रहे थे, जिसमें प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित तथा न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर शामिल हैं, जो तीन तलाक की संवैधानिक मान्यता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।

जब सिब्बल ने जोर दिया कि पर्सनल लॉ आस्था का मामला है और न्यायालय को इसमें दखल नहीं देना चाहिए, तो न्यायमूर्ति जोसेफ ने कहा, “हो सकता है। लेकिन फिलहाल 1,400 वर्षो बाद कुछ महिलाएं हमारे पास इंसाफ मांगने के लिए आई हैं।”

सिब्बल ने कहा, “पर्सनल लॉ कुरान व हदीस से लिया गया है और तीन तलाक 1,400 साल पुरानी प्रथा है। हम यह कहने वाले कौन होते हैं कि यह गैर-इस्लामिक है। यह विवेक या नैतिकता का सवाल नहीं, बल्कि आस्था का सवाल है। यह संवैधानिक नैतिकता का सवाल नहीं है।”

सिब्बल ने महान्यायवादी मुकुल रोहतगी द्वारा न्यायालय के समक्ष सोमवार को की गई उस टिप्पणी पर चुटकी ली, जिसमें उन्होंने कहा था कि न्यायालय मुस्लिमों में तलाक के तीनों रूपों को अमान्य करार दे और केंद्र सरकार तलाक के लिए नया कानून लाएगी।

जब सिब्बल ने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय से नहीं कह सकती कि आप पहले तलाके के तीनों रूपों को अमान्य करार दीजिए, उसके बाद हम एक नया कानून लाएंगे, तब प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति केहर ने कहा, “पहली बार आप हमारे साथ हैं।”

सिब्बल ने कहा, “आस्था को कानून की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता।” उन्होंने कहा, “हम बेहद बेहद जटिल दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं, जहां क्या गलत है और क्या सही इसकी खोज करने के लिए हमें 1,400 साल पहले इतिहास में जाना होगा।” मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।

नेशनल

गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

Continue Reading

Trending