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अन्तर्राष्ट्रीय

एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट का दोषी जल्द रिहा होगा

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टोरंटो| 1985 में एयर इंडिया के कनिष्क एयरलाइन बम विस्फोट मामले का इकलौता दोषी इंद्रजीत सिंह रेयात जल्द ही ब्रिटिश कोलंबिया की जेल से रिहा हो जाएगा। एयर इंडिया कनिष्क की उड़ान संख्या 182, जो मांट्रियल से दिल्ली जा रही थी, 23 जून, 1985 को आयरिश तट के नजदीक आसमान में विस्फोट का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना में 329 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए थे। इस घटना के एक घंटे बाद ही टोक्यो से मुंबई जानेवाली एयर इंडिया की उड़ान में सामान रखे जाने के दौरान एक बम फटा, जिसमें सामान रखने वाले दो कर्मचारी मारे गए थे।

वैंकूवर हवाईअड्डे पर ही दोनों बमों को सूटकेस में छिपाकर डाला गया था। इस घटना में वैंकूवर के खालितास्तानी चरमपंथी संगठन का हाथ था, जिसने अमृतसर के स्वर्णमंदिर में 1984 की सैन्य कार्रवाई का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।

रेयात जो कि इलेक्ट्रिक मैकेनिक था, उसने ही उन बमों का निर्माण और परीक्षण किया था, जिसे टोक्यो हवाईअड्डे पर एयर इंडिया की उड़ान में रखा गया था। उसे इस जुर्म के लिए 1991 में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उसे एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट मामले में अतिरिक्त पांच साल कैद की सजा सुनाई गई।

जेल से रिहा होने के बाद 2010 में रेयात पर, एयर इंडिया बम विस्फोट मामले के दो मुख्य आरोपियों रिपुदमन सिंह मलिक और अजायब सिंह बागड़ी- के खिलाफ सुनवाई के दौरान 2003 में शपथ लेकर झूठ बोलने का आरोप तय किया गया। उसे गवाही के लिए जेल से अदालत लाया गया था।

दोनों ही आरोपियों (मलिक और बागड़ी) पर दोष साबित नहीं हो पाया और उन्हें मार्च 2005 में रिहा कर दिया गया।

रेयात को झूठी गवाही के मामले में जनवरी 2011 में नौ साल जेल की अतिरिक्त सजा सुनाई गई। उस समय तक उसके जेल में बिताए गए समय को घटाने के बाद उसे अगले सात साल और सात महीने के लिए जेल में रहना था।

लेकिन कनाडा के कानून के मुताबिक, दोषियों को उनकी सजा का दो-तिहाई हिस्सा पूरा होने के बाद बाकी की सजा सामुदायिक सेवा के रूप में काटनी होती है। इसलिए अब रेयात जल्द ही जेल से रिहा होने वाला है।

कनाडा के पैरोल बोर्ड के नियमों के मुताबिक, जेल से छूटने के बाद रेयात पर नियमित रूप से नजर रखी जाएगी। उसे उग्रवादी विचारों के प्रचार से और उग्रवादी विचार वाले संगठनों से मेलजोल रखने से मना किया गया है। इसके अलावा उसे किसी भी प्रकार के विस्फोटक के निर्माण की अनुमति नहीं है। इसके अलावा रेयात को एयर इंडिया के पीड़ितों के परिवारों से संपर्क करने की भी मनाही है।

अन्तर्राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी से की मुलाकात

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ब्राजील। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समय) को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर अपने इतालवी समकक्ष जियोर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने सांस्कृतिक और पब्लिक टू पब्लिक रिलेशन को मजबूत करने सहित व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, रियो डी जनेरियो जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात करके खुशी हुई। हमारी बातचीत रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी में संबंधों को गहरा करने पर केंद्रित थी। हमने इस बारे में भी बात की कि संस्कृति, शिक्षा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग कैसे बढ़ाया जाए। भारत-इटली मित्रता एक बेहतर ग्रह के निर्माण में बहुत योगदान दे सकती है।

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