बिजनेस
एयरटेल लेकर ऐसा होम ब्रॉडबैंड प्लान, चौंका देगी धांसू स्पीड
नई दिल्ली। टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने सुपर फास्ट होम ब्रॉडबैंड प्लान की शुरुआत की है। कंपनी ने इसे उन यूजर्स को टार्गेट करके लॉन्च किया है जो हाई स्पीड इंटरनेट चाहते हैं।
कंपनी का दावा है की इस इंटरनेट प्लान के अंतर्गत उपभोक्ताओं को 300 एमबीपीएस तक की स्पीड मिलेगी। एयरटेल का यह ब्रॉडबैंड प्लान 2199 रुपये के मासिकl शुल्क पर उपलब्ध होगा।
यह प्लान फाइबर टु द होम (एफटीटीएच) पर आधारित है। इसके तहत 1200 जीबी अल्ट्रा हाई स्पीड डेटा दिया जाएगा जिसमें अनलिमिटेड लोकल और नेशनल कॉलिंग भी शामिल होगी। हालांकि, इस प्लान को लेने पर ऐरटेल के ऐप्स की सब्सक्रिप्शन भी फ्री मिलेगी। साथ ही इसमें विंक म्यूजिक और एयरटेल टीवी ऐप हैं। साथ ही ग्राहकों को एमेजन प्राइम वीडियो का ‘फ्री सब्सक्रिप्शन’ मिलेगा।
भारती एयरटेल होम्स के सीईओ जॉर्ज मैथेन ने लॉन्चिंग कार्यक्रम के दौरान कहा कि वी फाइबर होम ब्रॉडबैंड की सफलता को देखते हुए हम एफटीटीएच आधारित हाई स्पीड प्लान लॉन्च कर रहे हैं। यह उन लोगों के लिए है, जो हाई स्पीड डेटा चाहते हैं।
इतना ही नहीं कस्टमर्स को 1000 जीबी का डेटा रोलओवर मिलेगा यानी अगर बिल-साइकिल खत्म होने का बाद भी डेटा बचा रह जाता है तो उसे अगले महीने के डेटा में जोड़ दिया जाएगा और ऐसा तबतक किया जाएगा जब आपके अकाउंट में 1000 जीबी डेटा ना आ जाए।
एयटेल फिलहाल होम ब्रॉडबैंड और फिक्स्ड लाइन सर्विस देश के 89 शहरों में देता है और दावा है कि यह यह देश का दूसरे नम्बर का फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सर्विस प्रोवाइडर है।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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