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उत्तराखंड

चिनूक हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश AIIMS जा रहे सभी मजदूर, होगा हेल्थ चेकअप

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Workers going to Rishikesh AIIMS by Chinook helicopter

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उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत वापस निकाल लिया गया। 16 दिनों बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों में खुशी की लहर है। परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली है।

चिनूक से एम्स जा रहे श्रमिक

उत्तरकाशी टनल हादसे से बचाए गए 41 कर्मचारी चिन्यालीसौड़ में भारतीय वायुसेना के परिवहन विमान चिनूक में बैठ गए हैं। जिन्हें आगे की चिकित्सा जांच के लिए एम्स ऋषिकेश ले जाया जा रहा है। सिलक्यारा उत्तरकाशी में सुरंग से निकल गए श्रमिकों को एम्स ऋषिकेश लाये जाने की सूचना के बाद पुलिस और प्रशासन के अधिकारी यहां पहुंच गए हैं।

हेलीपैड को चारों तरफ से कवर करके आमजन का यहां प्रवेश निषेध कर दिया गया है। सभी एंबुलेंस मौके पर तैनात कर दी गई है। चिकित्सक और स्टाफ भी यहां मौजूद है। जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, तहसीलदार चमन सिंह, सीओ ऋषिकेश संदीप नेगी सहित अन्य अधिकारी मौके पर हैं।

रैट माइनर ने साझा किया रेस्क्यू अभियान का अनुभव

सिल्कयारा सुरंग से सभी 41 श्रमिकों के सफल बचाव पर रैट माइनर वकील हसन ने अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि हमने 18 मीटर तक एक पाइप लगाया… मुन्ना और मैं पार्टनर थे और अन्य 10 श्रमिक थे। जब उन्होंने हमें और हमने उनको देखा तो यह एक भावनात्मक एहसास था। सबकी आंखें नम थीं। सभी कर्मचारी बिना किसी खरोंच के सुरंग से बाहर आ गए।

उत्तराखंड

जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ

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देहरादून। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य को अचानक दून के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार की शाम को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। इसके बाद उन्हें दून लाया गया, चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं।मंगलवार की शाम को जगद्गुरु को सांस लेने में समस्या हुई। इसके बाद उन्हें इलाहाबाद से एयरलिफ्ट कर शाम करीब सात बजे दून लाया गया। यहां सिनर्जी अस्पताल में उन्हें उपचार के लिए भर्ती किया गया। जहां चिकित्सकों की टीम की निगरानी में उनका उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि इसी साल फरवरी में भी रामभद्राचार्य की तबियत बिगड़ी थी. उस समय भी उनको देहरादून लाया गया था जहां सिनर्जी अस्पताल में उनका इलाज हुआ. तब उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से संदेश दिया था कि वह कुछ समय के लिए स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं आराम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि, लोगों का विश्वास रखना जरूरी है. कुछ समय बाद, ठीक हो जाने पर फिर कथा करने आएंगे.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य के फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट में उन्होंने ये बताया था. क्योंकि देहरादून में उनके शिष्य के अस्पताल में ही उनका नियमत इलाज चलता है इसलिए जगद्गुरु हमेशा इलाज के लिए यहीं आते हैं. तब डॉक्टरों ने बताया था कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य को मौसम बदलने से खांसी और जुकाम कि शिकायत थी. तब सोशल मीडिया और कुछ वाट्सएप संदेशों में उनके निधन को लेकर खबरें प्रसारित की जा रही थीं. इसके बाद एक एक्सक्लूसिव वीडियो में उन्होंने अपने भक्तों के लिए संदेश भेजा था.

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